बिहार

बिहार को एक बार फिर जंगलराज में धकेलने की कोशिश की जा रही है: प्रधानमंत्री

सहरसा- 03 नवम्बर। बिहार विधानसभा के लिए पहले चरण के लिए होने वाले मतदान का प्रचार अभियान अब अपने अंतिम चरण में है। तमाम दलों के नेता प्रदेश की जनता से अपने-अपने दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पहले चरण की वोटिंग से पहले सहरसा में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत महागठबंधन के तमाम घटक दलों पर तीखा प्रहार किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहरसा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार को एक बार फिर जंगलराज में धकेलने की कोशिश की जा रही है। राजद और कांग्रेस ने बदले की राजनीति में बिहार का विकास रोक दिया था। बिहार का फैसला अब सिर्फ बिहार का नहीं, बल्कि भारत के भविष्य का फैसला होगा। उन्होंने कहा कि जंगलराज की राजनीति को जनता ने एक बार हराया था और अब 2025 में उसे इतिहास से मिटा देने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की पहचान अब भ्रष्टाचार या डर नहीं, बल्कि विकास,डिजिटल शक्ति और वैश्विक सम्मान से है। जो लोग बिहार को 90 के दशक में अंधेरे में छोड़ गए थे, वे अब देश को पीछे धकेलना चाहते हैं। कांग्रेस और राजद की पहचान विनाश से है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पहचान विकास से है।

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली की कांग्रेस नीत सरकार ने राजद के साथ मिलकर बिहार का पैसा रोक दिया था, विकास योजनाओं पर ताले लगा दिए थे। यह बदले की राजनीति थी, बिहार की जनता को सजा दी गई थी। डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने कोसी महासेतु जैसे प्रोजेक्ट लटकाए रखे, सिर्फ इसलिए कि नीतीश सरकार राजग की थी। कांग्रेस-राजद ने बिहार के साथ दुश्मनी निभाई, बिहार के हक का पैसा रोक लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में आपने (बिहार की जनता) मुझे दिल्ली भेजा, तो बदला लेने वालों को हमने वहीं से हटा दिया और कोसी महासेतु को पूरा कर बिहार की जनता को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की सरकार राजद के समर्थन से चल रही थी, इसलिए उन्होंने बिहार के खिलाफ बदला लेने की राजनीति की। उस समय दिल्ली में बैठे लोगों ने बिहार के विकास को रोकने की कसम खा ली थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद ने कोसी, मिथिलांचल और पूरे बिहार को बर्बादी के रास्ते पर धकेला, लेकिन अब डबल इंजन की सरकार ने विकास की गाड़ी को नई रफ्तार दी है।

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर व्यंग्य करते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस की डिक्शनरी में सिर्फ कट्टा, करप्शन, कुशासन और कटुता जैसे शब्द हैं। यही उनकी असली राजनीति है, जबकि राजग विकास, सुशासन और आत्मनिर्भर बिहार की बात करता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2010 जैसा माहौल फिर लौट आया है। सहरसा से लेकर सुपौल और मधेपुरा तक जनता का जोश बता रहा है कि ‘फिर एक बार, एनडीए सरकार’। उन्होंने बिहार की जनता से कहा कि जंगलराज वालों को ऐसा पराजय दो कि वे बिहार लौटने का सपना भी न देख सकें।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का बड़ा हिस्सा महिला सशक्तिकरण को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का मजाक उड़ाने वाले अब बेटियों की सफलता पर चुप हैं। बिहार की 1.40 करोड़ बहनों के खाते में जो पैसा पहुंचा है, उसे ये जंगलराज वाले रोकना चाहते हैं। उन्होंने महिला क्रिकेट विश्वकप जीतने पर भारतीय टीम को बधाई देते हुए कहा कि ये विजय भारत की बेटियों के आत्मविश्वास की मिसाल है। प्रधानमंत्री मोदी ने सहरसा समेत पूरे बिहार की जनता को चेताया कि जिनके राज में बेटियां शाम ढलते ही घर लौट आती थीं, जिनके समय में लूट,अपहरण और हत्या बिहार की पहचान थी, वही अब विकास की बात कर रहे हैं। अगर ये लौटे तो फिर से वही डर, वही बदहाली लौटेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजद-कांग्रेस के राज में बिहार ने सबसे ज्यादा पीड़ा झेली। कोसी महासेतु का शिलान्यास अटलजी ने 2003 में किया, पर मनमोहन सरकार और राजद ने उसे रोक दिया। उन्होंने बिहार का पैसा काट दिया, योजनाओं को फाइलों में बंद कर दिया। जब आपने मुझे सेवा का मौका दिया तो हमने वही कोसी पुल बनाकर 2020 में बिहार को समर्पित किया। विपक्षी गठबंधन को वादों का ठेला बताते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने बिहार का विकास रोका, अब वही झूठे वादे लेकर मैदान में हैं।

सहरसा के ऐतिहासिक संदर्भ में प्रधानमंत्री ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सत्यपाल सिंह की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि जंगलराज में ईमानदार अधिकारियों को मार दिया जाता था। सड़के नहीं बनती थीं, सड़के बनाने वालों को उठा लिया जाता था। उस दौर में हर व्यापारी, हर ठेकेदार डर में जीता था, लेकिन नीतीश कुमार की सरकार ने जंगलराज को हटाकर सुसाशन दिया और अब डबल इंजन सरकार ने विकास की गति को कई गुना बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में अब रेल, सड़क और उद्योगों का नया युग शुरू हुआ है। मधेपुरा की रेल फैक्ट्री ‘मेक इन इंडिया’ का गौरव बन गई है। अब वो दिन दूर नहीं जब बिहार में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनेंगी। 11,000 (ग्यारह हजार) करोड़ रुपये की तागत से कोसी-बागमती बेसिन में बाढ़ नियंत्रण योजनाएं चल रही हैं। मखाना और मत्स्य उद्योग को लेकर भी नई योजनाएं लाईं गई हैं। पहले बिहार दूसरे राज्यों से मछली मंगाता था, आज बिहार मछली दूसरे राज्यों को भेजता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता जिस तरह लोकतंत्र की मशाल थामे हुए है, वह भारत की राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक है। बिहार में ही लोकतंत्र की जड़ें सबसे गहरी हैं। लिच्छवी गणराज्य से लेकर आज के भारत तक, यही भूमि तय करती है कि देश आगे बढ़ेगा या रुकेगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने 2010 में सुशासन का जो बीज बोया था, अब 2025 में वही विकसित भारत की जड़ बनेगा। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार को एआई, कृषि तकनीक और ग्रामीण स्टार्टअप्स के लिए हब बनाने की दिशा में काम कर रही है। पाटलिपुत्र एक बार फिर ज्ञान का केंद्र बनेगा। इस बार तक्षशिला नहीं, टेक्नोलॉजी और टैलेंट का संगम होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल बिहार आने वाले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकेगा, जहां मजदूरी से मोबाइल और हुनर से हुनरमंदी का युग शुरू होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस-राजद ने नालंदा विश्वविद्यालय के नाम पर सिर्फ 20 करोड़ रुपये दिए थे, जबकि हमारी सरकार ने 2000 करोड़ रुपये देकर नया कैंपस बनाया, जहां अब 21 देशों के छात्र पढ़ रहे हैं, जिनके राज में कॉलेजों के गेटों पर ताले लगते थे, वो आज शिक्षा की बातें कर रहे हैं। मोदी ने महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस को बिहार के भविष्य से नहीं, घुसपैठियों से लगाव है। जो घुसपैठिए आपकी जमीन और नौकरियां छीन रहे हैं, वे इन्हीं की राजनीति की कमाई हैं। बिहार को घुसपैठियों से बचाना है, बिहार को विकास के रास्ते पर रखना है। जनसभा के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार ने बहुत भुगता है। अब बिहार की जनता को फैसला करना है कि विकास चाहिए या विनाश? राजग की सरकार चाहिए या जंगलराज वालों का अत्याचार? सभा में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में नारा लगाया ‘फिर एक बार, सुशासन सरकार’।

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