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PAKISTAN:- सऊदी अरब में PM शरीफ के खिलाफ लगे चोर चोर के नारे, इमरान खान समेत 150 पर FIR

लाहौर- 01 मई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सऊदी अरब यात्रा के दौरान मस्जिद-ए-नबवी परिसर में उनके शिष्टमंडल के खिलाफ चोर चोर नारे लगाए जाने के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान समेत 150 अन्य लोगों के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत पाकिस्तान में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने दर्ज किया है। अधिकारियों के अनुसार आरोपितों में इमरान खान के अलवा पूर्व मंत्री भी इस सूची में शामिल हैं।

सऊदी अरब में शाहबाज शरीफ के खिलाफ चोर चोर के नारे लगाते लोग—

पिछले गुरुवार को प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और उनके शिष्टमंडल के मदीना में पैगंबर की मस्जिद के परिसर में पहुंचने पर उनके खिलाफ कुछ जायरीनों ने चोर और गद्दार की नारेबाजी की थी। इन जायरीनों को इमरान का समर्थक माना जा रहा है। शिष्टमंडल के सदस्यों के खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया गया। मदीना पुलिस ने दावा किया है कि इस संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने शनिवार रात इमरान और 150 अन्य लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में पूर्व मंत्री फवाद चौधरी और शेख रशीद, पूर्व सलाहकार शाहबाज गुल, नेशनल असेंबली के पूर्व उपाध्यक्ष कासिम सूरी व लंदन में इमरान के करीबी सहयोगी अनिल मुसर्त तथा साहिबजादा जहांगीर भी नामजद हैं।

पंजाब प्रांत के फैसलाबाद के एक पुलिस थाने में स्थानीय निवासी नईम भट्टी की शिकायत पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई। पाकिस्तानी दंड संहिता की धारा 295ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य) समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि वह किसी से पाक स्थान पर नारेबाजी करने के लिए कहने के बारे में सोच भी नहीं सकते।

17 कर्मी निलंबित—

पाकिस्तान सरकार ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लाहौर दौरे का उचित कवरेज नहीं करने पर 17 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। जानकारी के अनुसार आधुनिक लैपटॉप उपलब्ध नहीं होने के कारण कर्मचारी प्रधानमंत्री का कार्यक्रम कवर नहीं कर पाए। प्रधानमंत्री शहबाज ने पिछले सप्ताह लाहौर में कोट लखपत जेल और रमजान बाजार का दौरा किया था। रिपोर्ट के मुताबिक पीटीवी की टीम फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एफटीपी) के माध्यम से वीडियो फुटेज अपलोड करने के लिए आवश्यक एडवांस लैपटॉप नहीं होने के कारण उचित तरीके से कवरेज नहीं कर पाई। मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, संवाददाता और प्रोड्यूसर की एक टीम प्रधानमंत्री के कार्यक्रम कवरेज के लिए जिम्मेदार होती है।

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