
अब रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने की राह पर ट्रंप
वाशिंगटन- 16 अक्टूबर। गाजा पट्टी में युद्धविराम योजना के सूत्रधार बने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप अब यूक्रेन और रूस के बीच शांति के प्रयास की दिशा में कदम बढ़ाने वाले हैं। ट्रंप जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मिलेंगे। व्हाइट हाउस में होने वाली इस मुलाकात से पहले अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारी द्विपक्षीय चर्चा करेंगे।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी का कहना है कि राष्ट्रपति आशावादी हैं। मध्य पूर्व की तरह वह यूक्रेन में शांति स्थापित कर सकते हैं। ट्रंप की शुक्रवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ बैठक निर्धारित है। अमेरिका के ऑनलाइन समाचार पोर्टल द पॉलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार जेलेंस्की एक सप्ताह से ट्रंप से मिलने को उत्सुक हैं। यह भेंट ट्रंप प्रशासन का ध्यान मध्य पूर्व से हटाकर रूस की ओर मोड़ने के समन्वित प्रयास का हिस्सा है। अमेरिका में यूक्रेन की नई राजदूत ओल्गा स्टेफनिशिना ने बयान में कहा कि दोनों राष्ट्रपति टॉमहॉक्स, वायु रक्षा प्रणाली, ऊर्जा क्षमता और ड्रोन उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के लिए कीव के अनुरोध पर चर्चा करेंगे।
यूक्रेन की राजदूत स्टेफनिशिना ने कहा कि यह बातचीत का बिल्कुल नया तरीका है। सैन्य टीमें दो सप्ताह से काम कर रही हैं। इससे पहले जेलेंस्की ने सोमवार को यूक्रेनी पत्रकारों को बताया था कि ट्रंप ने उन्हें वाशिंगटन में ऊर्जा कंपनियों से मिलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा था कि इस समय उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को रूसी मिसाइल हमलों से बचाना है।
जेलेंस्की ने गाजा पट्टी में युद्धविराम लागू होने के अगले दिन मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि अब दुनिया में शांति के लिए मजबूत आधार है। राष्ट्रपति ट्रंप अब रूस पर आक्रमण रोकने के लिए वास्तव में दबाव डाल सकते हैं। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने भी जोर देकर कहा कि रूस को उसकी सैन्य और आर्थिक स्थिति के कारण बातचीत के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
मध्य पूर्व और यूरोप के लिए ट्रंप के विशेष दूत और प्रमुख वार्ताकार स्टीव विटकॉफ ने अपने विदेशी समकक्षों को बताया है कि राष्ट्रपति के तीन बड़े लक्ष्यों में गाजा में संघर्ष को समाप्त करना, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकना और ईरान के साथ एक नए परमाणु समझौते पर सहमत होना शामिल हैं। विटकॉफ ने यूक्रेन को अतिरिक्त हथियारों की आपूर्ति की घोषणा भी की है।