पटना- 16 अक्टूबर। एनएमसीएच अधीक्षक के खिलाफ उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के एक्शन के बाद सरकार और डॉक्टर आमने-सामने आ गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेने जा रही है। तेजस्वी ने सीधे तौर पर कह दिया है कि अधीक्षक का निलंबन वापस नहीं होगा और सरकार डॉक्टरों की जिद के आगे नहीं झुकेगी।
तेजस्वी ने कहा कि अगर किसी डॉक्टर की गलती सामने आती है तो आईएमए के लोग उसे सपोर्ट न करें। जिस अस्पताल के सुपरिटेंडेंट को यह नहीं पता कि डेंगू वार्ड कहां है, आईएमए उसका पक्ष रख रहा है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि आईएमए को तो इस बात से निश्चिंत रहने की जरूरत है कि बिहार में अब सुनवाई और कार्रवाई करने वाली सरकार है। जो सच्चा और काम करने वाला व्यक्ति होगा उसे सरकार सम्मानित करने का काम करेगी लेकिन जो बेईमान होगा और अपना कर्तव्य ठीक ढंग से नहीं निभाएगा उसको सजा मिलनी तय है।
तेजस्वी ने कहा है कि डॉक्टरों को अपनी शिकायत लेकर जहां जाना है जाएं। बिहार की सरकार जनता की सेवा करने के लिए है। हमलोग किसी और के लिए यहां नहीं बैठे हुए हैं। बिहार के करीब सात सौ पांच डॉक्टर वर्षों से ड्यूटी से गायब हैं। कोई 10 साल से तो कई 12 साल से ड्यूटी पर नहीं जा रहा है लेकिन आईएमए ने कभी भी यह नहीं कहा कि ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि हर जगह गलत मानसिकता के लोग पड़े हुए हैं, जिनका काम होता है हल्ला मचाना। तेजस्वी ने यहां तक कह दिया कि छोटी-मोटी चीजें सामने आती रहती हैं, हमारा इन सब चीजों पर कोई ध्यान नहीं रहता है।
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव ने एनएमसीएच के सुप्रिटेंडेंट को निलंबित कर दिया है। उनका निलंबन वापस लेने के लिए आईएमए सरकार पर दबाव बना रही है। आईएमए ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर एनएमसीएच अधीक्षक का निलंबन वापस नहीं होता है तो राज्यभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे।
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