
मिस यूनिवर्स 2025 बनी मेक्सिको की फातिमा बॉश
मिस यूनिवर्स 2025 का भव्य फिनाले थाईलैंड में शानदार अंदाज़ में सम्पन्न हुआ, जहां दुनिया भर की निगाहें इस रोमांचक प्रतियोगिता पर टिकी रहीं। 130 से अधिक देशों की प्रतिभागियों ने अपनी खूबसूरती, आत्मविश्वास और कौशल से मंच को जगमगाया। हालांकि, इस बार भारत के लिए निराशा का पल रहा, क्योंकि देश की उम्मीद मनिका विश्वकर्मा टॉप 12 में जगह नहीं बना सकीं। इसमें मेक्सिको की फातिमा बॉश ने बाज़ी मारते हुए मिस यूनिवर्स 2025 का ताज अपने नाम किया।
सबको पछाड़कर फातिमा बॉश ने जीता मिस यूनिवर्स 2025 का खिताब—
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में दुनियाभर के 130 देशों की प्रतिभाशाली महिलाओं ने हिस्सा लिया। इन्हीं में भारत की मनिका भी शामिल थीं, जिनसे देश को बड़ी उम्मीदें थीं। फाइनल राउंड में जगह बनाने के बाद भारत की उम्मीदें राजस्थान की इस खूबसूरत प्रतिभागी से और बढ़ गईं, लेकिन वह ताज अपने नाम करने से चूक गईं। दूसरी ओर मेक्सिको की फातिमा बॉश ने अपनी सुंदरता, प्रतिभा और बेहतरीन जवाबों से सबका दिल जीत लिया और मिस यूनिवर्स 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया।
मनिका से थी भारत को उम्मीद—
राजस्थान के छोटे से शहर से ताल्लुक रखने वाली मनिका अपनी खूबसूरती, आत्मविश्वास और बुद्धिमत्ता के दम पर न सिर्फ फाइनल राउंड तक पहुंचीं, बल्कि शीर्ष पसंदीदा प्रतियोगियों में भी शामिल रहीं। इसके बाद पूरे देश की निगाहें उन पर टिक गईं कि क्या वे 2021 के बाद सिर्फ चार साल के अंतराल में भारत को एक और मिस यूनिवर्स का ताज दिला पाएंगी। हर भारतीय मनिका की जीत की उम्मीद लगाए बैठा था, लेकिन इस बार खिताब देश से दूर रह गया और सपना अधूरा रह गया।
इस वर्ष की मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता विवादों से भी घिरी रही। फिनाले से महज़ तीन दिन पहले जज ओमार हारफूश ने इस्तीफा देते हुए आयोजकों पर गंभीर आरोप लगाए। उनका दावा था कि शीर्ष 30 प्रतियोगियों का चयन पहले ही कर लिया गया था और इनमें वे प्रतिभागी शामिल थीं, जिनके आयोजकों से निजी संबंध थे। बाद में आयोजकों ने इन आरोपों पर सफाई दी, लेकिन ओमार ने कानूनी कार्रवाई की बात कही और सोशल मीडिया पर लिखा कि मामला निष्पक्षता और हेरा-फेरी से जुड़ा है।
भारत की मिस यूनिवर्स यात्रा—
साल 1994 में सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीतकर भारत को पहली बार वैश्विक मंच पर गर्व का पल दिया। उनके बाद 2000 में लारा दत्ता और 2021 में हरनाज़ कौर संधू ने भी इस प्रतिष्ठित ताज को अपने नाम किया। इस बार भारत की उम्मीद मनिका थीं। भले ही वे टॉप 12 में जगह नहीं बना सकीं, लेकिन उनका अद्भुत सफर, मेहनत और जुनून लाखों भारतीय लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।



