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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के घर में पहुंचा मधुबनी पेंटिंग कोहबर
बिहार के मधुबनी निवासी शालिनी कर्ण ने खुद की बनाई हुई पेंटिंग की भेंट
रांची- 20 नवंबर। ये मधुबनी पेंटिंग मेरी पत्नी को बहुत पसंद आएगी, मैं इसे अपने घर में जरूर लगाउंगा। ये शब्द थे कैप्टन कूल कहे जाने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का। उन्हें बिहार के मधुबनी जिले के रांटी गांव निवासी शालिनी कर्ण ने खुद की बनाई कोहबर पेंटिंग भेंट की। बीते बुधवार झारखंड की राजधानी रांची स्थिति जेएससीए इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में धोनी एक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। यहां उन्होंने टेनिस मैच खेला और खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इसी दौरान शालिनी कर्ण ने उन्हें कैनवास पर बनाई कोहबर पेंटिंग भेंट की।

शालिनी कर्ण ने बताया कि उन्होंने यह पेंटिंग खास धोनी के लिए ही बनाई थी। जिसे उन्होंने बीते अगस्त माह में ही तैयार कर लिया था। परंतु वो इंतजार कर रही थी कि कब धोनी रांची आएंगे और उन्हें मुलाकात का मौका मिलेगा। एक लंबे इंतजार के बाद बुधवार 19 नवंबर को उनका सपना पूरा हुआ और उनकी मुलाकात धोनी से हो गई. शालिनी कर्ण कहती हैं, ‘’जब मुझे उन्हें यह पेंटिंग देने के लिए स्टेज पर बुलाया गया तो मैं बहुत रोमांचित महसूस कर रही थी। ’’
वो कहती हैं। ‘’धोनी ने खुद उस पेंटिंग को खोला और फिर पूछने लगे कि यह क्या है. फिर मैंने उन्हें बताया कि यह मधुबनी पेंटिंग की कई कृतियों में सबसे खास है। इसे कोहबर कहा जाता है। मिथिलांचल के इलाके में जब किसी की शादी होती है तो इसे दुल्हा-दुल्हन के कमरे में बनाया जाता है। इस पर धोनी ने कहा कि यह पेंटिंग बहुत खुबसूरत बनी है, मेरी पत्नी साक्षी को यह बहुत पसंद आएगा. लेकिन मुझे वो पल सबसे अच्छा लगा जब उन्होंने इसके लिए मुझे थैंक यू बोला। एक कलाकार के लिए उसके काम को सम्मान मिलना ही सबसे बड़ी बात होती है।’’

बता दें, महेंद्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद भी खेल की दुनिया में काफी सक्रिय रहते हैं। लेकिन खेल की गतिविधियों में शामिल रहने के बावजूद वो रांची स्थिति सात एकड़ में बने अपने शानदार फार्म हाउस में ही रहते हैं. जब भी वो रांची रहते हैं, हर दिन क्रिकेट स्टेडियम पहुंचते हैं और वहां अभ्यास कर रह खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करते हैं।
वहीं शालिनी कर्ण बीते 22 सालों से पेंटिंग बना रही है. वो उसी रांटी गांव की रहनेवाली हैं जिस गांव में स्व. महासुंदरी देवी, स्व. गोदावरी दत्त और दुलारी देवी को मधुबनी पेंटिंग में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। इससे पहले शालिनी को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से दो बार फेलोशिप मिल चुका है. भारत सहित कई अन्य देशों में एग्जिबिशन के अलावा व्यापार मेले में वो शामिल हो चुकी हैं।



