
MADHUBANI:- 75 वीं आजादी अमृत महोत्सव पर प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आयोजन, शिविर में भारी संख्या में लोग हुए शामिल
मधुबनी- 06 मार्च। भारत की 75 वीं आजादी अमृत महोत्सव के अवसर पर रविवार को रोग मुक्त भारत अभियान के तहत सीता मुरली नव सृष्टि फाउंडेशन की इकाई मिथिला प्राकृतिक चिकित्सा योग शोध संस्थान मधुबनी एवं आयुष मंत्रालय भारत सरकार की स्वायत्त संस्था राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान पुणे द्वारा संयुक्त आयोजन में बी.डी. इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल लाल निकुंज कॉलोनी प्रांगण में भव्य प्राकृतिक चिकित्सा शिविर लगाया गया। शिविर में 500 से अधिक छात्र अभिभावक एवं स्थानीय नागरिक गण शिक्षक शिक्षिकाएं एवं समाजसेवी सहभागी रहे। शिविर का उद्घाटन करता समाजसेवी पूर्व प्रमुख जटाधर पासवान,मुख्य अतिथि मधुबनी क्लब के संस्थापक प्रहलाद पूर्वे एवं विशिष्ट श्रीमती काजोल पूर्वे एवं विद्यालय प्राचार्य बीके झा को पुष्प माला एवं बुके से संस्थान सचिव डॉक्टर उमेश कुमार उषा कर व अन्य ने स्वागत किया।

उद्घाटन संभाषण के उपरांत बी एन वाई एस डॉक्टर दिव्य ज्योति दंत चिकित्सक डॉक्टर गौतम मिश्रा,योग प्रशिक्षक डॉक्टर कुमारी मालविका आदि ने सभी छात्र छात्राओं को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रहने के नुस्खे का वर्णन करते हुए कोविड-19 उपरांत प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं रखने के लिए जरूरी दिशा निर्देश पर चर्चा की आहार चिकित्सा जल चिकित्सा मिट्टी चिकित्सा उपवास चिकित्सा के साथ-साथ योग चिकित्सा पर विस्तार से चर्चा करते हुए कॉमन योग प्रोटोकॉल पर भी अभ्यास कराया गया।
श्रीमती काजोल पूर्वे ने कहा के इस तरह के प्रयास विद्यालय के बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक मनोरंजक व लाभदायक होते हैं। तथा समय-समय पर प्राकृतिक चिकित्सा व योग चिकित्सा के इस तरह के शिविर शहर के सभी विद्यालयों में होना चाहिए।
गांधीजी प्राकृतिक चिकित्सा के मुरीद थे सड़क पर चलना और शाकाहार अपनाना प्राकृतिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक तत्व है प्राकृतिक खेती रसायन मुक्त खेती और जैविक खेती को बढ़ावा देना अब जरूरी हो गया है प्राकृतिक चिकित्सा के विकास पर समाज सरकार एवं व्यवसायियों को भी ध्यान देना चाहिए संस्थान का ऐसा प्रयास और इस तरह के सफल कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्होंने सबको आभार प्रकट किया।
श्री जटाधर पासवान ने कहा कि सरकार को प्राकृतिक चिकित्सा के तंत्र को विकसित करने के लिए आवश्यक नीति का निर्माण करना चाहिए।
विद्यालय प्राचार्य ने कहा कि यदि सामाजिक सहयोग मिले तो वे इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से अपने विद्यालय में आयोजित करवाते रहेंगे और छात्रों के लिए नियमित योगाभ्यास वर्ग का भी संचालन करवाएंगे कार्यक्रम से लाभान्वित अभिभावक एवं छात्र छात्राएं काफी प्रसन्नचित्त उत्साहित दिखाई दिए सब लोगों ने मिट्टी पानी धूप हवा एवं पंच तत्व से होने वाली चिकित्सा पद्धति के विषय में जानकर अपने जीवन में आयुष को प्राथमिक तौर पर अपनाने हेतु संकल्प लेते हुए कम से कम 10 लोगों तक यह विचार फैलाने का निर्णय किया।
डॉ उषाकर ने बताया कि हमारे संस्थान के द्वारा जिले भर में इस प्रकार के 13 शिविर लगाया जा रहे हैं जहां 5000 से अधिक लाभार्थियों को प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने एन आई एन पुणे के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हमें मौका मिले तो हम प्रायोगिक रूप पर भी विस्तारित शिविर भी लगाकर लोगों के रोग निदान में सहयोग करेंगे कार्यक्रम में नमन कुमार पवन कुमार सुकृति नंदा प्रियम साधना आयुषी राखी प्रिया रिया अनिकेत रणजीत सुमन सौरभ दिनेश रमेश आदि लोगों का सक्रिय योगदान रहा।
विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका सुदीप वीरेंद्र कुमार झा सोनी बंदना अनुनय अभिषेक आदि शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी बढ़-चढ़कर योगदान किया।



