
MADHUBANI:- स्कुल निरीक्षण में 947 बच्चों की जगह महज 14 बच्चे ही थे उपस्थित,डीईओ ने कहा-व्यवस्था में नही हुआ सुधार,तो एचएम होंगे निलंबित
मधुबनी-29 नवंबर। मधुबनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों की उदासीनता के कारण स्कूलों का शैक्षणिक वातावरण पूरी तरह धवस्त होता हुआ नजर आ रहा है ऐसे में लोगों ने दोषी प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। सोमवार को डीईओ नसीम अहमद के बाबूबरही प्रखंड क्षेत्र के एक हाईस्कूल एवं तीन मध्य विद्यालय के औचक निरीक्षण में कई चोंकाने वाले मामले सामने आए। उत्क्रमित हाईस्कूल बरहारा में नामांकित 947 बच्चों में से सिर्फ 14 बच्चे उपस्थित थे। वहीं हाईस्कूल नवनगर में 430 नामांकित बच्चों में से सिर्फ 08 बच्चे उपस्थित थे। बच्चों की कम उपस्थिति रहने पर डीईओ नसीम अहमद ने संबंधित प्रधानाध्यापकों व स्कूल के सभी संबंधित शिक्षकों को फटकार लगाई। साथ ही दो मदरसों का भी जांच किया गया।
डीइओ ने कहा कि जब छात्रों की उपस्थिति इतनी कम है फिर यहां पर कार्यरत शिक्षकों का क्यों नहीं दूसरे विद्यालयों में सामंजन कर दिया जाय। डीईओ ने कहा कि जबतक इन स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 70 से 80 फिसदी नहीं हो जाती है तबतक इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व सभी शिक्षकों का एक वेतन वार्षिक वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। सबसे चोंकाने वाला मामला उत्क्रमित हाईस्कूल बरहारा में देखने को मिला। यहां नामांकन की तुलना में छात्रों की उपस्थिति नगण्य थी ही साथ में यहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा दो माह का चावल विद्यालय के गोदाम में बंद करके रखा हुआ था। जिसपर डीईओ ने प्रधानाध्यापक की जमकर क्लास ली व स्पष्टीकरण की मांग किया है कि क्यों नहीं बच्चों को यह चावल वितरित की गई। डीईओ ने यह भी बताया कि इस संबंध में संबंधित बीईओ एवं प्रखंड साधनसेवियों से भी स्पष्टीकरण की मांग की जाएगी,कि आखिर उनके क्षेत्र में इस तरह की स्थिति क्यों है। डीईओ ने कहा कि विभाग की पहली प्राथमिकता बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने व स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने की है। ऐसे में बीईओ,प्रधानाध्यापकों,शिक्षकों सहित सभी संबंधित की यह जवाबदेही है कि वे विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करें व गुणवत्ता शिक्षा मुहैया कराएं।
इधर डीईओ नसीम अहमद ने बताया कि सभी संबंधित चार विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। तथा अगले आदेश तक के लिए वेतन स्थगित कर दिया गया है। साथ ही संबंधित स्कूलों के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के चालू माह से एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई जाती है। डीईओ ने बताया कि अगर स्थिति में सुधार नहीं होगा,तो संबंधित प्रधानाध्यापकों को निलंबित करने की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।



