मधुबनी- 10 फरवरी। समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला स्तरीय परामर्श दात्री समिति (डीएलसीसी) एवं जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के अध्यक्ष्ता में आयोजित हुई। जिलाधिकारी द्वारा जिले में बैंकिंग से संबंधित विभिन्न गतिविधियोंध् योजनाओं की समीक्षा की गई। जिनमें केसीसी, जीविका, पीएमएसबीएनिधि, जेएलजी,हाउसिंग,आधार से सीडिंग,एसआरटीओ,आरसीईटीआई के साथ-साथ शिक्षा ऋण, पीएमईजीपी,मुद्रा लोन और पीएमजेडीवाई में प्रगति की समीक्षा की गई। उपस्थित अधिकारियों एवं बैंकरों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वार्षिक साख योजना के तहत जिन बैंकों की उपलब्धि कम है वे हर हैम लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करें। समीक्षा कर क्रम में यह पाया गया कि राज्य में मधुबनी जिला साख जमा अनुपात में बीसवें पायदान पर है। जिलाधिकारी ने इस अनुपात को और भी तेजी से वृद्धि करने का निर्देश दिया। उन्होंने उपस्थित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों से कहा कि सभी बैंकों को ऋण मुहैया कराने के लक्ष्य को अभियान चलाकर पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि असंतोषजनक प्रगति करने वाले बैंक के प्रति कड़े कदम उठाए जाएंगे। केसीसी की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने कहा कि कई बार देखा गया है कि केसीसी के आवेदनों को बैंक छोटी वजहों से खारिज कर देते हैं। कोई बड़ी वजह ना होने पर आवेदनों को संज्ञान में लेते हुए उसका निष्पादन करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि नए किसानों को नए किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाया जाए एवं इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह की तीव्रता को बढ़ाई जाए। उन्होंने केसीसी के तहत अधिक से अधिक आवेदन बैंकों को भेजने का निर्देश दिया ताकि युक्त योजना के अंतर्गत ऋण की स्वीकृति हो सके जिलाधिकारी ने मछली पालन हेतु तालाब निर्माण,तालाब पुनर्निर्माण आदि के लिए ज्यादा से ज्यादा। आवेदन सृजित कर बैंकों को भेजने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जीविका का ऋण आवेदन लक्ष्य के अनुसार समस्त बैंकों को भेजा जाए जिससे एसीपी तथा साख अनुपात में वृद्धि हो सके। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत नगर निगम मधुबनी,नगर पंचायत जयनगर,नगर पंचायत घोघरडीहा एवं नगर पंचायत झंझारपुर को अधिक से अधिक आवेदन सृजित करने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने आम लोगों के बीच डिजिटल भुगतान को लेकर व्यापक जागरूकता हेतु आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि लाभुकों को सब्सिडी का भुगतान ससमय करें और भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाएं। उन्होंने डेयरी उद्योग और मत्स्य पालन के साथ साथ मखाना उत्पादन में जिले में अपार संभावनाओं की चर्चा करते हुए सभी बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने में उदारता पूर्ण रवैया अपनाने की अपेक्षा की। बैठक में उप विकास आयुक्त दीपेश कुमार,अग्रणी जिला प्रबंधक गजेंद्र मोहन झा,डीडीएम नाबार्ड प्रशांत,आरबीआई एलडीओ रोहित चोधरी,आरसेटी डायरेक्टर पीयूष पुष्पम,महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र,जिला कृषि पदाधिकारी,जिला पशुपालन पदाधिकारी समेत जिले के सभी प्रमुख बैंकों के प्रतिनिधि शामिल थे।
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