
MADHUBANI:- जूड़ शीतल के अवसर पर मधुबनी में खेला जाता है खुनी खेल, इस खेल में पत्थर बाजी,भाला,बरछी,जहरीली तीर,जैसे अन्य खतरनाक हथियार भी किया जाता है इस्तेमाल
मधुबनी- 14 अप्रैल। जिला के सदर अनुमंडल क्षेत्र के रहिका,राजनगर एवं कलुआही प्रखंड क्षेत्र के मध्य नाजिरपुर डोकहर,शिविपट्टी, बेलहवार,बेलाही अमादा एवं हरिनगर के मध्य में जुड़शीतल के दिन सौ साल पुराना अंधविश्वास के खेल को लोग परंपरा तरिके से अभी तक मनाते आ रहे हैं। प्रशासन का कोई भी प्रयास इस खेल को समाप्त करने में विफल रहा है। खेल स्थल से पूरब दिशा में शिविपट्टी, बेलवार,शीदपुर,पहिहारपुर,बल्हा सहित राजनगर और खजौली थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग एक तरफ रहते हैं और पश्चिम दिशा मे बहरवन-बेलाही,नाजीरपुर, कनैल सहित कलुआही,रहिका और बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग एक तरफ रहते हैं। जैसे की महाभारत का रण क्षेत्र हो। इसको खूनी लड़ाई भी कहा जा सकता है। इस खूनी लड़ाई खेल का एक विशेषता रह चुका है कि इस लड़ाई में खून होने के बाद भी आज इस लड़ाई को लेकर भविष्य में कोई रंजिश नहीं रहा। जैसे कि सुनने में आता है कि पूर्वज से इस रिवाज को लोग मनाते आ रहे हैं। इस खेल में बसिया भात और बड़ी खा कर लोग मार करने जाते है। पहिले यह खेल लगभग एक महीना तक लागातार चलता था, पंरतु कुछ वर्षों से लोगों को रुचि कम होने के कारण दो से तीन दिन तक मात्र यह लड़ाई होती है। इस खेल के दौरान चार-चार थाना की पुलिस मुख दर्शक बने रहते हैं। इस खेल में पूर्व में कुछ लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है। तथा कई लोग अपंग भी हो चुके है। समाचार लिखने तक इस वर्ष कोई खास घटना घटने की सूचना नहीं प्राप्त है। कलुआही प्रखण्ड क्षेत्र के मधेपुर पंचायत के पूर्व मुखिया अजय कुमार झा,नाजिरपुर के पूर्व मुखिया मो. साबिर,पंडित उदय चंद्र पांडे,पंडित विष्णु देव पांडे आदि बताते हैं कि जूड़ शीतल के मौके पर पूर्वज से आ रहे परंपरा को धरोहर के रूप में मनाते हैं। वहीं पहलवानों के द्वारा झंडा गार कर पूजा पाठ कर अखाड़ा बना कर ढोल बाजा के साथ पहलवान की जोड़ी मिलाकर अपने शक्ति का भी प्रदर्शन करते हैं। इस कुस्ती आखारे पर कुस्ती होने के बाद लोग इस अखाड़े की मिट्टी का टीका लगाकर अपने शरीर के स्वस्थ होने का कामना करते हैं। इस संबंध में सदर एसडीएम अश्वनी कुमार ने बताया कि इस मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई है, किसी भी तरह के अनहोनी की घटना ना घटे।