
कांग्रेस से इस्तीफा दिया हुं, पार्टी की नीति और सिद्वांतों पर जीवनभर कायम रहेंगेः डा. शकील
कांग्रेस के टिकट वितरण में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए
मधुबनी- 22 नवंबर। बिहार में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण के फैसलों में सहमति नही लेने से नाराज पार्टी के पुर्व प्रदेश अध्यक्ष सह पुर्व केन्द्रीय राज्य गृह मंत्री डा. शकील अहमद ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद अपने गृह जिला मधुबनी पहुंचे।
मधुबनी पहुंचने के बाद जिला मुख्यालय स्थित एक होटल में आयोजित प्रसे वार्ता को सम्बोधित करते हुए डा. अहमद ने कहा कि जीवनभर कांग्रेस पार्टी की नीति और सिद्वांतों पर कायम रहेंगे। उन्होने कहा कि मैंने सिर्फ पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी से मेरे तीन पुस्तों का नाता रहा हैं। वर्ष 1937 में मेरे दादा विधायक बने। उनकी मृत्यू 1948 में होने के बाद मेरे पिता शकुर अहमद वर्ष 1952 से 1977 तक विधायक और विधानसभा के स्पीकर रहे। वर्ष 1981 में पिता की मृत्यू के बाद 1985 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से विधायक निर्वाचित होकर बिहार विधानसभा पहुंचा और तीन बार विधायक रहा। वहीं मधुबनी संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद निर्वाचित हुआ।
उन्होने कहा कि इसबार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी में टिकट वितरण में किसी भी सीट के संबंध में मुझ से नही पुछा गया। मधुबनी से कांग्रेस पार्टी का दो बार सांसद रहने के नाते भी मुझ से मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली जाले एवं बेनीपट्टी सीट जो कांग्रेस के खाते में गयी थी, उसके टिकट वितरण तक में नही पुछा गया। इन दोनों सीट से कोई भी चुनाव लड़ता, लेकिन दो बार के सांसद थे, तो कम से कम सलाह लेना चाहिए था। डा. अहमद ने कहा कि पार्टी वर्किंग कमिटि के सदस्य एवं सांसद तारिक अनवर से भी कोई सलाह नही ली गयी। यही कारण रहा कि तारिक अनवर ने टिकट वितरण में सही और जीतने वाले नेता को टिकट नही दिए जाने की बात फेसबुक के माध्यम से उठाते रहे। डा. अहमद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एक सीटिंग विधायक और एक दो पुर्व मंत्री ने सुषील पासी,कृष्णा अल्लावरू एवं शकील अहमद खां पर कांग्रेस के टिकट वितरण हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इस लिए इसकी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारी तय कर पार्टी वैसे लोगों पर कार्रवाई करें।



