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GUJRAT:- चक्रवात की स्थिति पूरी होने के बाद प्राथमिक नुकसान के आकलन को तैयार रहे जिला प्रशासनः CM पटेल

गांधीनगर/अहमदाबाद- 15 जून। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने राज्य पर मंडरा रहे चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के संभावित तीव्र असर से निपटने के लिए संभावित असरग्रस्त आठ जिलों के प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी लेने के लिए गुरुवार देर शाम गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में मुख्य सचिव सहित उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक की और आवश्यक सुझाव दिए।

मुख्य सचिव राज कुमार ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई बैठक का ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि जिला कलेक्टरों को चक्रवात का प्रभाव पूरा होते ही तुरंत प्राथमिक नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावितों को कैशडोल, घरेलू सामान, झोपड़पट्टी सहायता और पशु सहायता जैसी मदद प्रदान करने की तैयारी करने के प्रशासन को निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि संभावित चक्रवात के परिणामस्वरूप राज्य में किसी भी तरह की जनहानि को रोकने के लिए राज्य सरकार पूर्ण एहतियात बरत रही है। घायल मवेशियों को तत्काल उचित उपचार मुहैया कराने तथा मृत पशुओं के उचित निस्तारण की व्यवस्था करने के लिए भी प्रशासन को विशेष निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि प्रशासन द्वारा पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, राजकोट और गिर सोमनाथ जिलों में संभावित चक्रवात के प्रभाव से गिरे पेड़ों को हटाने और बिजली के खंभों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।

इस बैठक में जानकारी दी गई कि ऊर्जा विभाग ने द्वारका, जामनगर, मोरबी और जूनागढ़ में पेड़ गिरने और बारिश के कारण कई गांवों में प्रभावित हुई बिजली आपूर्ति को बहाल करने की पर्याप्त व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने द्वारका और कच्छ जिले, जहां इस चक्रवात का असर दिखना शुरू हो गया है, वहां के कलेक्टरों के साथ मोबाइल फोन से बात कर ताजा हालात की जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने स्थानांतरण पर विशेष जोर देते हुए 8 जिलों में अब तक कुल एक1 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग की क्षेत्रीय निदेशक मनोरमा मोहंती ने जानकारी दी कि चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ गुरुवार मध्य रात कच्छ के जखौ तट से टकराएगा।

इस चक्रवाती तूफान के कारण बनासकांठा और पाटण जिलों में अगले एक-दो दिन भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना है। इस संभावना के चलते इन दोनों जिलों के प्रशासन को जरूरी व्यवस्था के साथ सतर्क रहते हुए हर घंटे स्टेट कंट्रोल रूम को जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

इतना ही नहीं, मुख्य सचिव ने बताया कि पाटण जिले के निचले इलाकों के लगभग एक हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिवों सहित वरिष्ठ प्रधान सचिवों, सचिवों और अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों द्वारा अब तक की गई तैयारियों का ब्यौरा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को दिया।

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