बिहार

बिहार में सौ शहाबुद्दीन पैदा ले, तब भी प्रदेश पर नहीं पड़ेगा कोई फर्क,उनकी जगह जेल में होगी: सम्राट चौधरी

सीवान- 25 अक्टूबर । बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू-राबड़ी राज पर तीखा हमला करते हुए कहा कि 15 साल के उस शासनकाल को लोग जंगलराज’ इसलिए कहते हैं कि लालू जी अराजकता -गुंडागर्दी के प्रतीक हैं। वे शहाबुद्दीन से डरते थे और अब उनका बेटा भी डरा रहा है।

सीवान की चुनाव सभाओं में सम्राट चौधरी ने कहा कि राजद ने शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट देकर फिर से जंगलराज लाने के इरादे साफ कर दिए हैं लेकिन सीवान के लोगों को भयभीत नहीं होना है। अब नीतीश कुमार की सरकार है और 100 शहाबुद्दीन भी पैदा ले लें , तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। एनडीए राज में अपराधियों की जगह जेल में है या फिर श्मशान में।

उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि आजकल कुछ लोग खुद को नायक बताने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन खलनायक का बेटा नायक कैसे हो सकता है, वह तो महानालायक है।

उन्होंने कहा कि जिनके पिता पंजीकृत अपराधी हैं, जिन्होंने जानवरों का चारा तक चोरी किया हो, उनका बेटा नायक नहीं हो सकता। सम्राट चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार के युवा आज यह जानना चाहते हैं कि वह डेढ़ साल की उम्र में करोड़पति कैसे बन गए। साथ ही यह भी पूछना चाहते हैं कि नौकरी के बदले जमीन लिखवाने की कला उन्होंने कहां से सीखी।

उन्हाेंने कहा कि 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार ने विकास के अभूतपूर्व कार्य किए हैं अब जनता के बीच उसी काम के आधार पर हम आशीर्वाद मांगने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा- ये चुनाव विकास और विनाश के बीच का है। एक ओर वे लोग हैं जिन्होंने 55 वर्षों तक बिहार को बदहाल किया। चारा घोटाला और अलकतरा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार किए। बिहार में जंगलराज कायम किया। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी है, जिन्होंने बिहार को विकास की राह पर अग्रसर किया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए की डबल इंजन सरकार ने बिना भेदभाव के सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास संकल्प के साथ काम किया है। सड़क,बिजली, पानी,शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार हुए हैं। 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और 38 लाख लोगों को रोजगार दिया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिहार में सुशासन की सरकार है। अब अगर सौ शहाबुद्दीन भी पैदा हो जाएं, तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

सीवान में सुशासन है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि जनता को यह समझना होगा कि विनाश और विश्वास में फर्क क्या है। जो लोग आज नौकरी देने की बात करते हैं, उनसे पूछना चाहिए कि जब उनके माता-पिता मुख्यमंत्री थे, तब कितनों को रोजगार मिला था?

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