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DEHLI:- सरकारी दफ्तरों में 3 माह के भीतर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे

नई दिल्ली- 09 फरवरी। दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहन की राजधानी बनाने की दिशा में केजरीवाल सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी सरकारी दफ्तरों में तीन माह के भीतर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी और वहां पर आने वाले आम नागरिक अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज कर सकेंगे। इसके संबंध में केजरीवाल सरकार की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया हैं।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री के विजन को साकार करने के लिए दिल्ली में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। दिल्ली में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के नए फैसले के तहत अब सभी सरकारी दफ्तरों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। जहां पर सरकारी कर्मचारियों के साथ आम जनता भी अपने वाहनों को चार्ज कर सकेगी।

सरकारी दफ्तरों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन बनने से लोग दफ्तरों में काम कराने के दौरान अपने वाहनों को चार्ज कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी इलेक्ट्रिक वाहनों से दफ्तर आने के लिए प्रेरित होंगे।

डिस्कॉम के पैनल में शामिल वेंडर के जरिए इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनवाने पर 6 हजार रुपए प्रति चार्जिंग प्वाइंट सब्सिडी मिलेगी। दिल्ली के डिस्कॉम के साथ मिलकर परिवहन विभाग ने सिंगल विंडो प्रक्रिया स्थापित की है। सिंगल विंडो प्रक्रिया का उपयोग डिस्कॉम्स के पैनल वाले विक्रेताओं से रियायती और कम टैरिफ पर ईवी चार्जर लगाने के लिए किया जा सकता है।

दिल्ली में तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या

दिल्ली में सितंबर से नवंबर तिमाही में इलेक्ट्रिक वाहनों ने सीएनजी और डीजल वाहनों की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है। कुल बेचे गए वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का नौ फीसदी हिस्सा है जबकि राष्ट्रीय औसत 1.6 फीसदी है। दिल्ली में सितंबर और नवंबर 2021 में ईवी की बिक्री 9.2 फीसदी थी। वहीं सीएनजी वाहनों की बिक्री नवंबर में 6.5 फीसदी रह गई है। इस दौरान कुल 9,540 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। इसमें से सितंबर में 2,873, अक्टूबर में 3,275 और नवंबर में 3,392 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। पेट्रोल वाहनों के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दूसरे स्थान पर पहुंच गई है।

ईवी नीति को पूरे भारत में सबसे प्रगतिशील नीति के रूप में स्वीकार किया गया

दिल्ली सरकार ने शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने के लक्ष्य के साथ, अगस्त 2020 में दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की। दिल्ली सरकार की ईवी नीति को पूरे भारत में सबसे प्रगतिशील नीति के रूप में स्वीकार किया गया है। 2024 तक सभी नए वाहन पंजीकरण में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी का लक्ष्य है।

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