
उत्तरी तमिलनाडु,पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र तट की ओर बढ़ रहा चक्रवाती तूफान दित्वा
नई दिल्ली- 29 नवंबर। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तरी श्रीलंका के ऊपर बना चक्रवाती तूफान दित्वा अब भारत की तरफ बढ़ रहा है। रविवार की सुबह तक इसके उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर दस्तक देने की संभावना है। इससे इन क्षेत्रों में भारी बारिश और समुद्री तूफान का खतरा बढ़ गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दित्वा के कारण दो दिसंबर तक तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। केरल में भी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है, जबकि तटीय तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। तूफान के 30 नवंबर की सुबह तक उत्तरी तमिलनाडु तट तक पहुंचने की संभावना है। इसके प्रभाव से तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में समुद्री हवाओं की रफ्तार 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई है। समुद्र में 8 मीटर तक ऊंची लहरें उठ रही हैं।
मछुआरों को एक दिसंबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गयी है खासकर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी, कोमोरिन क्षेत्र और तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों पर। पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र में 2 दिसंबर तक और दक्षिण-पूर्वी अरब सागर, लक्षद्वीप, मालदीव और केरल तट पर 30 नवंबर तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है। तूफान की वजह से तमिलनाडु के कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और चेन्नई हवाई अड्डे पर 50 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। प्रभावित इलाके जैसे मदुरै, तिरुचिरापल्ली, थूथुकुडी, सलेम, बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए उड़ानें प्रभावित हुई हैं।
आईएमडी ने बताया कि तूफान वर्तमान में श्रीलंका के जाफना से लगभग 80 किलोमीटर पूर्व, वेदारनियम से 140 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और चेन्नई से 380 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित है। तूफान उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में बढ़ रहा है और रविवार, 30 नवंबर की सुबह तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों तक पहुंचने की संभावना है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय क्षेत्रों में हवा की रफ्तार 70-90 किलोमीटर प्रति घंटे तक है, जबकि आंध्र प्रदेश में यह 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच है। समुद्र की तूफानी लहरें तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर रही हैं। खगोलीय ज्वार के कारण 1.0 से 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहरें श्रीलंका के निचले तटीय इलाकों को जलमग्न कर सकती हैं, जबकि तमिलनाडु और पुडुचेरी में 0.5 से 1 मीटर ऊंची लहरों का खतरा है।इस तूफान ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई, जिससे प्रभावित इलाकों में अब तक 123 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जबकि 130 लोग लापता हैं।



