बिहार

CM नीतीश ने हिन्दी सेवी सम्मान पुरस्कार से 12 साहित्यकारों को किया सम्मानित

पटना- 23 अगस्त। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग अन्तर्गत राजभाषा के द्वारा आयोजित हिन्दी सेवी सम्मान पुरस्कार (2023-24) वितरण समारोह का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार (2023-24) के अधीन विभिन्न श्रेणियों के लिये अखिल भारतीय स्तर पर चयनित तथा इस समारोह में उपस्थित 12 साहित्यकारों / संस्थाओं को पुरस्कृत किया।

समारोह के दौरान अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा-दीक्षा तथा उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास में विशिष्ट योगदान के लिये जियालाल आर्य को बाबा साहब अम्बेदकर पुरस्कार प्रदान किया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 5 लाख रूपये की पुरस्कार की राशि प्रदान की गयी। सृजनात्मक लेखन के माध्यम से सामाजिक समरसता को निरूपित करने में विशिष्ट योगदान के लिये डॉ. शिव नारायण को बीपी मंडल पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें अंग वस्त्र,प्रतीक चिन्ह एवं 4 लाख रूपये की पुरस्कार की राशि प्रदान की गयी। उपन्यास, कविता, आलोचना आदि में विशिष्ट योगदान के लिये डॉ. महेन्द्र मधुकर को नागार्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें भी अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 4 लाख रूपये की पुरस्कार की राशि प्रदान की गयी।

आंचलिक कथा लेखन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये हृषीकेश सुलभ को फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 4 लाख रूपये की पुरस्कार की राशि प्रदान की गयी। हिन्दी साहित्य की समृद्धि में उल्लेखनीय योगदान के लिये वंदना राग को महादेवी वर्मा पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार की राशि प्रदान की गयी।

अहिन्दी भाषी क्षेत्र में रहते हुये हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए विशिष्ट योगदान के लिये डॉ. के. श्रीनिवास राव को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार की राशि प्रदान की गयी। अहिन्दी भाषी क्षेत्र में रहते हुये हिन्दी के प्रचार-प्रसार में विशिष्ट योगदान के लिये भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता को विद्याकर कवि पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत संस्था के प्रतिनिधि घनश्याम सुगला को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी।

मिथिलांचल की संस्कृति पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिये स्मृति शेष कीर्तिनारायण मिश्र को विद्यापति पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उनके पुत्र अजय मिश्र को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी। मगध अंचल की संस्कृति पर उत्कृष्ट पुस्तक रचना के लिये डॉ. कृष्ण कुमार सिंह को मोहन लाल महतो वियोगी पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी।

भोजपुर अंचल की संस्कृति पर उत्कृष्ट रचना के लिये श्रीराम तिवारी को भिखारी ठाकुर पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी। मैथिली भाषा पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिये डॉ. इन्द्रकांत झा को डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी।

हिन्दी भाषा और साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिये डॉ. श्रीभगवान सिंह को डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं 1 लाख रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी। पुरस्कार प्रदान करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देते हुये उनके उज्ज्वल भविष्य एवं स्वस्थ जीवन की कामना की।

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री को मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय’ भेंट की। कार्यक्रम में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button