नई दिल्ली- 27 जुलाई। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनल) के पुनर्रुद्धार से जुड़े 1.64 लाख करोड़ के पैकेज को मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क (बीबीएनएल) और बीएसएनल के विलय को भी मंजूरी प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को टेलीकॉम मंत्रालय के इन दोनों प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।
केन्द्रीय संचार मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि दूरसंचार एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। ऐसे में इस क्षेत्र में एक सार्वजनिक क्षेत्र के निगम (पीएसयू) का राष्ट्रीय सुरक्षा और बाजार स्थिरता के दृष्टिकोण से मजबूत होना बेहद जरूरी है। एक पीएसयू के तौर पर बीएसएनएल ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के विस्तार, स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास और आपदा राहत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि 2019 के पहले पुनर्रुद्धार पैकेज से बीएसएनल में कार्य स्थिरता आई थी और उसने लाभ दिखाना शुरू किया था।
उन्होंने कहा कि नए आर्थिक पैकेज के तीन अंग है। पहला कि इससे बीएसएनएल की संचार सेवाओं को अपग्रेड किया जाएगा। दूसरा इससे बीएसएनएल की बैलेंस शीट और अधिक मजबूत किया जाएगा और तीसरा इसके तहत ब्राड बैंड फाइबर सेवाओं को विस्तार दिया जाएगा।
बीएसएनएल सेवाओं का उन्नयन – बीएसएनएल सेवाओं का उन्नयन के तहत मौजूदा सेवाओं में सुधार और 4जी सेवाएं प्रदान करने के लिए बीएसएनएल को इक्विटी निवेश द्वारा 44,993 करोड़ की लागत से 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। इस स्पेक्ट्रम के द्वारा बीएसएनएल बाजार में प्रतिस्पर्धा करने और ग्रामीण क्षेत्रों सहित अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करके हाई स्पीड डेटा प्रदान करने में सक्षम होगा।
स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए बीएसएनएल आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक लगाने की दिशा में अग्रसर है। अगले 4 वर्षों के लिए अनुमानित पूंजीगत व्यय को पूरा करने के लिए, सरकार 22,471 करोड़ रुपये कैपेक्स फंड देगी। आत्मनिर्भर 4जी स्टैक को विकसित करने तथा लगाने से महत्वपूर्ण प्रोत्साहन मिलेगा।
वाणिज्यिक अव्यवहार्यता के बावजूद बीएसएनएल सरकार के सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में वायरलाइन सेवाएं प्रदान कर रहा है। सरकार 2014-15 से 2019-20 के दौरान किए गए व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में बीएसएनएल को 13,789 करोड़ रुपये प्रदान करेगी।
एजीआर बकाया के निपटान, कैपेक्स के प्रावधान और स्पेक्ट्रम के आवंटन के बदले बीएसएनएल की अधिकृत पूंजी को 40 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख करोड़ किया जाएगा।
बीएसएनएल की बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करना- सरकार इन पीएसयू को दीर्घकालिक ऋण लेने के लिए सॉवरेन गारंटी देगी जो 40,399 करोड़ रुपये की राशि के लिए दीर्घकालिक बॉन्ड लेने में सहायक होंगे। इससे मौजूदा ऋण के पुनर्गठन और बैलेंस शीट को डी-स्ट्रेस करने में मदद मिलेगी।
बैलेंस शीट को और बेहतर बनाने के लिए, बीएसएनएल की 33,404 करोड़ रुपये की एजीआर बकाया राशि को इक्विटी में परिवर्तित करके चुकाया जाएगा। एजीआर/जीएसटी बकाया के निपटारे के लिए सरकार बीएसएनएल को धन उपलब्ध कराएगा।
बीएसएनएल सरकार को 7,500 करोड़ रुपये के प्रेफरेंस शेयर पुन: जारी करेगा।
बीएसएनएल फाइबर नेटवर्क का संवर्धन- भारतनेट के तहत निर्मित बुनियादी ढांचे के व्यापक उपयोग के लिए, भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा। भारतनेट के तहत सृजित बुनियादी ढांचा राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए बिना भेदभाव के आधार पर उपलब्ध होगा।
इन उपायों के द्वारा, बीएसएनएल मौजूदा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने, 4जी सेवाओं को शुरू करने और वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनने में सक्षम होगा। यह उम्मीद की जाती है कि इस रिवाइवल योजना के लागू होने के साथ, बीएसएनएल वित्त वर्ष 2026-27 में लाभ अर्जन करके टर्न अराउंड होगा।