मधुबनी- 14 नवंबर। बीपीएससी शिक्षक संघ बनाने की लालसा ने एक शिक्षिका की नौकरी ले ली। मिली जानकारी के अनुसार नव चयनित माध्यमिक शिक्षिका बबीता चौरसिया का औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक के आदेश पर इनके औपबंधिक नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया है। नियोजित शिक्षिका बबीता चैरसिया माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ का गठन कर निदेशक माध्यमिक शिक्षा को पत्र लिखा था। जिसे गंभीर व विभागीय प्रावधान के उल्लंघन मानते हुए सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। विभागीय नियम के विपरित कार्यो के लिए उन से स्पष्टीकरण पुछा गया था। जिसके जवाब में शिक्षिका ने किसी तरह के संघ बनाने या पत्र लिखे जाने की बात से इंकार किया है। परंतू सच्चाई यही है मुख्यालय से की गयी पूछताछ में इन्होंने संघ बनाने और पत्र लिखने की बात स्वीकार की थी। तथा संघ का कार्यालय का पता भी इनके संबंधी के ही पाया गया है। इस तरह से विभाग को भ्रमित करने व गुमराह करने की कोशिश की गयी है। इसकी सच्चाई सामने आते ही इनके औपबंधित नियुक्ति पत्र लेने के एक सप्ताह के अंदर ही उसे रद्द कर दिया गया है।
मालुम हो कि राज्य स्तर से भी कहा गया है कि विद्यालय अध्यापकों पर बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 लागू होती है। यह भी स्पष्ट है कि बिहार सरकारी आचार संहिता 1976 की सुसंगत धाराएं किसी भी प्रकार का संघ बनाने की अनुमति नहीं देता है, जिससे सरकार पर अनुचित दबाव बनाया जाय। 02 नवंबर को ही बबीता चैरसिया को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया था। जिसके बाद 08 नवंबर को विभाग को यह जानकारी मिली कि बबीता द्वारा एक संघ स्थापित किया गया है। जिसका नाम माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ दिया गया है। इन्होंने उक्त संघ के नाम से एक पैड छपवाया। जिसमें उनका नाम बतौर प्रदेश अध्यक्ष अंकित है और उनका मोबाईल नंबर भी दिया गया है। वहीं 11 नवंबर को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बबीता चौरसिया से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा था कि अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक द्वारा वीसी में दिए गए निर्देश के आलोक में आपके द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सफल होकर नव नियुक्त होने के बाद माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ का निर्माण कर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में निदेशक माध्यमिक शिक्षा को पत्र प्रेषित कर विभाग-सरकार के कार्यकलाप पर प्रश्नचिह्न लगाया गया है, जो कि विभागीय प्रावधान के प्रतिकूल है। सरकार के द्वारा संचालित महत्वकांक्षी योजना को असफल करने का प्रयास है। जिसके बाद बबीता चैरसिया ने जवाब दिया कि इस तरह का कोई आवेदन नहीं दिया गया है और न ही वे किसी संघ की प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पत्र में उल्लेखित संघ एवं प्रधान कार्यालय के पते को वे जानती भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम का उपयोग कर उन्हें परेशान करने की नियत से यह आवेदन दिया है। साथ ही निदेशक को भी पत्र नहीं दिया और वे पूरी तरह से निर्दोष हैं।
बबीता का पंचायत नियोजन भी होगा समाप्त—
अंधराठाढ़ी प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विधालय खबास टोल रखवारी में बबीता चौरसिया नियोजित शिक्षका हैं। इस मामले के बाद इनके वेतन पर तत्काल रोक लगा दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए इनकी सेवा भी खत्म करने की कार्रवाई शरू की गयी है।
क्या कहते हैं डीईओ—
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि विभाग न्यूनतम समय में इतनी बड़ी नियुक्ति को पारदर्शी तरीके से संपन्न करते हुए सभी शिक्षिकों को विद्यालय आवंटन में जुटा है। ऐसे में इस तरह का कार्य बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। शिक्षिका का औपरबंधित नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया गया है। पूर्व के नियोजन के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है।