बिहार

BIHAR:- विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का 09 नवंबर को होगा उद्घाटन, समापन 10 दिसंबर को होगा

पटना- 08 नवंबर। बिहार के सारण जिले के सोनपुर में गंगा और गंडक के संगम तट पर लगने वाला विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र (सोनपुर मेला) इस वर्ष 9 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह एक महीने तक यानी 10 दिसंबर तक चलेगा। सारण प्रमंडल के आयुक्त राजीव रोशन इस ऐतिहासिक मेले का उद्घाटन करेंगे।

उद्घाटन समारोह पर्यटन विभाग के मुख्य सांस्कृतिक पंडाल, नखास क्षेत्र में शाम 5 बजे आयोजित होगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सारण प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक निलेश कुमार उपस्थित रहेंगे। वहीं, सारण के जिलाधिकारी अमन समीर, वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष सहित अन्य वरीय अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे।

हरिहर क्षेत्र का यह मेला न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश और दक्षिण एशिया के प्राचीनतम मेलों में से एक माना जाता है। इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि अत्यंत समृद्ध है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु के हरि और भगवान शिव के हर का संगम स्थल होने के कारण इस स्थान का नाम हरिहर क्षेत्र पड़ा। इसी पवित्र भूमि पर यह मेला सदियों से आस्था, संस्कृति और व्यापार का संगम बना हुआ है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी स्थान पर गज (हाथी) और ग्राह (मगरमच्छ) के बीच हुए युद्ध में भगवान विष्णु ने गज की रक्षा की थी। इसी कारण इस क्षेत्र को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु गंगा और गंडक नदी के संगम में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते हैं और मेले का आनंद लेते हैं। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव के कारण मेला की तिथियों में बदलाव किया गया है।

सोनपुर मेला एक समय एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला भी रहा है, जहां देश-विदेश से हाथी, घोड़े, ऊंट, और अन्य पशुओं की खरीद-बिक्री होती थी। हालांकि, समय के साथ पशु व्यापार में कमी आई है, फिर भी मेला आज भी अपनी पारंपरिक छवि के साथ-साथ आधुनिक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। इस वर्ष भी मेले में ग्रामीण कला, हस्तशिल्प, झूले, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुतियां लोगों को आकर्षित करेंगी।

बिहार सरकार का पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने मेले के सफल संचालन के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष रूप से पुलिस बलों की तैनाती की जा रही है। साथ ही स्वच्छता, पेयजल, रोशनी और यातायात व्यवस्था को लेकर भी जिला प्रशासन सतर्क है।

मेले के दौरान बिहार की लोक संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली की झलक देखने को मिलती है। यह मेला न केवल व्यापारिक केंद्र के रूप में, बल्कि सांस्कृतिक एकता और लोकजीवन की जीवंत मिसाल के रूप में भी प्रसिद्ध है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक यहां बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोककला से रूबरू होते हैं।

हरिहर क्षेत्र (सोनपुर मेला) अपने आप में आस्था, संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक है, जो हर वर्ष यह संदेश देता है कि बिहार की सांस्कृतिक जड़ें कितनी गहरी और सशक्त हैं। इस वर्ष का आयोजन भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जनसहभागिता, श्रद्धा और उत्सव का अद्भुत संगम बनने जा रहा है।

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