बिहार

BIHAR:- सीतामढ़ी स्थित ऐतिहासिक पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर के निर्माण के लिए 882 करोड़ 87 लाख जारी, 3 चरणों में होगा निर्माण,त्रिस्तरीय पंचायती राज जन प्रतिनिधि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के जरिए इलाज करवा सकेंगे,कैबिनेट ने 24 एजेंडों पर लगाई मुहर

पटना- 01 जुलाई। बिहार सरकार ने सीतामढ़ी स्थित ऐतिहासिक पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर का भव्य निर्माण कराने के लिए 882 करोड़ 87 लाख रुपये जारी किए हैं। मंदिर का निर्माण कार्य तीन चरणों में कराने का निर्णय लिया गया है। इसमें 137.34 करोड़ रुपये की लागत से पुनौरा धाम स्थित पुराने मंदिर का उन्नयन कार्य, 728 करोड़ रुपये खर्च करके पर्यटन संबंधित आधारभूत संरचना का विकास तथा 10 वर्ष तक इसके रख-रखाव पर 16.62 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर मुहर लगी। इस तरह से आज की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर लगी।

इसकी विस्तृत जानकारी कैबिनेट मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन देश की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। देवी सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम का विशेष धार्मिक और पर्यटकीय महत्व है। इसके मद्देनजर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की तर्ज पर पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री-प्रतिज्ञा योजना की शुरुआत की है। यह योजना युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कार्य अनुभव प्राप्त करने में सहायक होगी। इसका लाभ 18 से 28 वर्ष की आयु के युवा ले सकेंगे। कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित एवं 12वीं पास को प्रति महीने 4 हजार रुपये,आईटीआई एवं डिप्लोमा पास को 5 हजार रुपये और स्नातक एवं स्नातकोत्तर वालों को 6 हजार रुपये प्रति महीने इंटर्नशिप राशि मिलेगी। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना की स्वीकृति दी है। इसके अंतर्गत राज्य के वरिष्ठ एवं आजीविका संकट से जूझ रहे उत्कृष्ट कलाकारों को प्रत्येक महीने 3 हजार रुपये की पेंशन दी जाएगी। मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना शुरू की गई है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.11 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने कहा कि राज्य में औद्योगिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) में बदलाव किया गया है। इसमें बियाडा के अंतर्गत एकल कारखानों के लिए औसत भूमि हानि 41.8 प्रतिशत से घटकर 30.9 प्रतिशत, गैर-प्रदूषित उद्योगों के लिए अधिकतम एफएआर 1.5 से बढ़ाकर 2.0 और फ्लैटेड फैक्टरी के लिए पार्किंग क्षेत्र को घटाकर 30 फीसदी से 14 फीसदी हो जाएगी। कैबिनेट ने राज्य के त्रिस्तरीय पंचायती राज जन प्रतिनिधि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के जरिए इलाज करवा सकेंगे। पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश,सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश को 55 हजार से 60 हजार रुपये प्रति महीने घरेलू सहायत भत्ता दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 15 हजार रुपये टेलिफोन एवं इंटरनेट भत्ता के तौर पर दिया जाएगा।

कैबिनेट के अन्य अन्य प्रमुख निर्णय-

– अररिया के रामपुर कोदरकट्टी में राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए 20.60 एकड़ जमीन स्वास्थ्य विभाग को स्थानांतरित की गई।

– बेगूसराय में सिमरिया घाट/धाम के विकास के लिए 40 एकड़ एवं 25.5 डिसमिल जमीन पर्यटन विभाग को स्थानांतरित किया।

– बिहार फैक्टरी नियमावली में बदलाव किया गया। इसके तहत अब खतरनाक कारखानों में गर्भवती और दुग्धपान कराने वाली महिलाओं को छोड़कर अन्य सभी महिलाएं काम कर सकेंगी।

– भोजपुर जिला में गोकुल जलाश्य के संरक्षण के लिए 32 करोड़ 48 लाख रुपये जारी की गई है।

– कृषि विभाग के तहत नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना के क्रियान्वयन के लिए 2025-26 के लिए 36 करोड़ 35 लाख रुपये जारी किए गए हैं।

– चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत अनुमंडल स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना और मिट्टी जांच प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण के लिए 30 करोड़ 49 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है।

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