
BIHAR:- बैंकों के निजीकरण के खिलाफ “प्रभात फेरी”
पटना- 09 नवंबर। देश में बैंक अधिकारियों के शीर्ष संगठन,ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) के शीर्षस्थ नेता सौम्या दत्ता के आह्वाहन पर, एआईबीओसी के बिहार इकाई द्वारा बुधवार को सरकार के बैंकों के निजीकरण की मंशा के विरोध में “प्रभात फेरी” का आयोजन किया गया। यह प्रभात फेरी पटना के गाँधी मैदान से डाक बंगला चौराहा तक आयोजित किया गया। इसमें पटना स्थित सभी सरकारी बैंकों के लगभग 200 से ज्यादा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
ज्ञात हो की सरकार की मंशा देश के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण करने की है। सरकार संसद के पिछले सत्र में बैंकों के निजीकरण का बिल पेश करने वाली थी लेकिन एआईबीओसी के राष्ट्रव्यापी विरोध के कारण उसकी यह योजना धरी रह गयी। लेकिन सरकार की ये मंशा अभी भी बनी हुई है और उसके इस जन-विरोधी मंशा का राष्ट्रव्यापी विरोध पूरे देश के सभी बैंक एआईबीओसी के नेतृत्व में आज भी कर रहे हैं। एआईबीओसी देश भर में सरकार के इस निजीकरण के साज़िश के विरोध में श्री सौम्या दत्ता की अगुआई में बैठकों,धरना-प्रदर्शन,प्रभात फेरी,रैली,फेसबुक, ट्वीटर आदि के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन करती रही है। इसी कड़ी में आज पटना की सड़कों पर सभी बैंकों के अधिकारी उतरे और जन मानस को निजीकरण के भयावह परिणामों से अवगत कराया। इस आयोजन में सभी बैंकरों ने “बैंक बचाओ देश बचाओ” का नारा बुलंद किया।
इस प्रदर्शन की अगुआई एआईबीओसी के बिहार इकाई के चेयरमैन कुमार राजेश सुमन,अध्यक्ष गणेश पाण्डेय एवं सचिव अमरेश विक्रमादित्य नें की. इस आयोजन में प्रशासनिक सचिव निकेश नंदन एवं कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार का भी सहयोग रहा।
एआईबीओसी के बिहार इकाई की तरफ से कहा गया की जबतक सरकार ये गारंटी नहीं देती की बैंकों का निजीकरण नहीं होगा तब तक ऐसे प्रदर्शन जारी रहेंगे। राष्ट्र की संपत्ति का निजीकरण देशवासिओं के साथ धोखा है। सरकारी बैंकों के निजीकरण से जहाँ एक ओर गरीबों और किसानों की पहुँच से बैंकिंग सेवाएं दूर हो जाएँगी। वहीं सरकार की जन कल्याण योजनाओं को लागू करने वाला भी कोई नहीं रहेगा। युवाओं को नौकरी मिलना भी दुष्कर हो जायेगा।
इस प्रदर्शन में पटना स्थित सभी बैंकों के अधिकारी संगठनों के प्रमुख अपने 200 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ उपस्थित थे। जिनमें सुधीर झा,ब्रिजलाला प्रसाद,राहुल निराला,रजनीश श्रीवास्तव,अरिजीत बोस,रंजन सिंह, प्रशांत मिश्र,लक्ष्मी पासवान,विजय भारती आदि प्रमुख थे।



