गोपालगंज-16 जनवरी। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की शिथिलता के चलते बिना पंजीयन के नर्सिग होम का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। जहां इलाज के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जाता है। झोला छाप चिकित्सक भी मरीजों के रोग के निदान गारंटी के साथ करते हैं। जिससे भोले-भाले मरीज उनके चंगुल में फंस कर रुपया और जान तक गंवाने को मजबूर हैं। लोगों की मानें तो भोरे में अधिकांश नर्सिंग होम मनमानी तरीके से चलाया जा रहा है। भोले-भाले लोगों को मुर्ख बनाकर उनके खून-पसीने की कमाई हड़पी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों की ओर से ऐसे नर्सिंग होम और अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं की जांच नहीं किए जाने से उनलोगों का मनोबल दिनों-दिन और बढ़ता जा रहा है। परिणाम है कि संचालक बिना किसी डर और भय के बडे़-बडे़ बोर्ड लगाकर शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सिग होम का संचालन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो यह स्थिति हो गयी है कि नर्सिंग होम संचालक मरीज लाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। मरीज लाने वाले लोगों को कमीशन के नाम पर मोटी रकम दी जाती है। पैसा के खेल के आगे उन गरीब मरीजों की जान की परवाह नहीं है।
भोरे में चल रहे फर्जी अस्पताल में इलाज के दौरान प्रसव कराने गई महिलाओं के मौत के बाद मामला प्रकाश में आया। जिसको लेकर मृतक के परिजन ने उच्च अधिकारियों से मिलकर इसकी जांच करने की मांग की है। महिला डॉक्टर इलाज के दौरान लापरवाही बतरने के कारण महिला प्रसव के दौरान हालत बिगड़ते देख आनन फानन में रेफर करने के समय पहले जच्चा की मौत हो गई, महिला की हालत खराब देख परिजन ने उसे देवरिया के अस्था अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला डॉक्टर के लापरवाही के कारण दोनों की माैत होने के बाद मृतक 32 वर्षीय दुर्गावती देवी के पति अमित कुमार ओझा ने इसकी लिखित सूचना भोरे थाना को दिया। पुलिस ने बिना निबंधन के चलाए जा रहे भोरे के भेगारी रोड़ स्थित आकांक्षा हॉस्पिटल की जांच की लेकिन मृतका के परिजन को आवेदन देने के बाद भी जब कोई थाना से कार्रवाई नहीं हुई तो शनिवार को परिजन ने एसपी आनंद कुमार के निवास पर जाकर अपनी व्यथा सुनाया और महिला डॉक्टर स्मृति आकांक्षा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराने की गुहार लगायी।
एसपी के आलावे डीएम और सिविल सर्जन को आवेदन देकर मृतका के पति ने आरोप लगाया कि दुर्गावती देवी के कमर में दर्द होने के बाद उन्होंने इलाज के लिए आकांक्षा अस्पताल में भर्ती कराया । प्रसव कराने के नाम पर उसने कई बार में 25 हजार रुपए लिया। इसके बाद डॉक्टर ने शाम को बताया कि आपको बच्ची हुई है। खतरे में है, उसे किसी दूसरे डॉक्टर से दिखाने की सलाह दी। उसके कहने के बाद बगल के डॉक्टर के पास शिशु को ले जाने के बाद उक्त डॉ ने शिशु को मृत बताया। उसके बाद स्मृति आकांक्षा ने बताया कि उसकी पत्नी की हालत खराब है। इसे रेफर करना पड़ेगा। उसने आनन फानन में रेफर कर दिया। इसके बाद परिवार के लोग किसी तरह उसे देवरिया लेकर गए। जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। दिए गए आवेदन कहा गया है कि प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई। आवेदन मिलने के बाद एसपी ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात कहीं।
डॉ स्मृति आकांक्षा के पति रंगेश भारद्वाज ने बताया कि यह आरोप गलत है। उनकी पत्नी का इलाज यहां किया है। हालत खराब होते देखने के बाद उसे रेफर कर दिया गया। पहले तो रंगेश भारद्वाज ने कुछ बताने से परहेज किया। खबर नहीं छापने के लिए काफी दबाव भी बनाया और अन्य लोगों से कराया। शनिवार के परिवार के लोग सिविल सर्जन से लेकर एसपी के निवास पर जाकर अपनी गुहार लगाया। वहीं दूसरी ओर कई नर्सिंग होम में अवैध रूप से गर्भपात कराने की धंधा भी परवान पर है। गर्भपात कराने के नाम पर मोटी रकम लेते हैं। सूत्र बताते हैं कि गर्भपात कराने के क्रम में कई मरीजों की जान भी जा चुकी है। लेकिन दबंग नर्सिंग होम संचालक के द्वारा मोटी रकम देकर मामला को दबा दिया जाता है।