BIHAR:- कार्बन बेबी सिंड्रोम के शिकार मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज

भागलपुर- 30 जनवरी। भागलपुर में इन दिनों बच्चों में एक अजीब बीमारी पनप रही है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व चमकी बुखार का लक्षण देख एक बच्चे को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आरके सिन्हा के क्लीनिक में भर्ती किया गया था। जहां चिकित्सक ने ईलाज के दौरान मरीज के काले रंग को देखते हुए, एक अजीब सी बिमारी का अनुमान लगाया।

उल्लेखनीय हो कि चिकित्सक आरके सिन्हा पूर्व में जेएलएनएमसीएच के एचओडी रहे हैं। वो लम्बे समय से शिशु रोग में बेहतर चिकित्सा सेवा दे रहे है। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने अपने खर्चे पर गोपालपुर निवासी रिंकू कुमार दास और उनकी पत्नी के के ढाई वर्षीय पुत्र लब कुमार के गहरे काले रंग के कारण उसकी जांच की। जहां जांच के बाद बच्चे को अजीब बिमारी होने की बात सामने आई।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी को उनकी भाषा में कार्बन बेबी सिंड्रोम कहा जाता है। डॉ आरके सिन्हा के मुताबिक आमतौर पर यह बीमारी शरीर में मेलानिन की कमी के कारण होता है। जिसके चलते मरीज के शरीर की पूरी त्वचा काली होने लगती है। यह एक दुर्लभ बिमारी है, जो दस लाख व्यक्तियों में किसी दो व्यक्ति को ही होता है।

उन्होंने कहा कि कार्बन बेबी सिंड्रोम के तीन मरीज उनके ही अस्पताल में आए हैं। जिसमें दो मरीज दस वर्ष पूर्व आए थे। उन्होंने कहा कि इस बीमारी में मेलानिन स्टिमुलेटिव हार्मोन का टेस्ट किया जाता है। जांच काफ़ी महंगा होने के कारण मरीज इसके जांच को कराने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। अभी तक इसे बचाव का तरीका पता नहीं चल पाया है। इस कारण मरीज इस बिमारी से अबतक ग्रसीत हैं।

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Author: lakshyatak

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