मुजफ्फरपुर- 07 अक्टूबर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के चर्चित सुनीता किडनी कांड की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, जिले के डीएम व एसएसपी को आयोग के समक्ष सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है। साथ ही आयोग ने मुख्य सचिव व डीजीपी को आदेश का अनुपालन कराने को अधिकृत किया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग से पीड़िता के किडनी प्रत्यारोपण पर चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट की मांगी थी। साथ ही आयोग ने एसएसपी व डीएम मुजफ्फरपुर से मामले के सम्बन्ध में वर्तमान स्थिति से संबंधित रिपोर्ट की मांगी थी, जो आयोग को आजतक अप्राप्त है। सुनीता को किडनी प्रत्यारोपित किए जाने की दिशा में भी प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई सकारात्मक पहल अबतक नहीं की गई है।
आयोग ने मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए शनिवार को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा- 13 के तहत नोटिस जारी कर 13 नवम्बर को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, जिले के डीएम व एसएसपी को आयोग के समक्ष सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है।
मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि पीड़िता की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है लेकिन आयोग के आदेश के बावजूद उसे किडनी प्रत्यारोपित किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने अबतक कोई सकारात्मक पहल नहीं की है, जो मानवाधिकार उल्लंघन के अति गंभीर कोटि का मामला है। उन्होंने आयोग के इस कदम को आवश्यक व सराहनीय कहा है।