बिहार

BIHAR:- फर्जी जख्म प्रतिवेदन मामले में नवादा के दो पूर्व सिविल सर्जन सहित 6 चिकित्सकों की मुश्किलें बढ़ी

नवादा- 21 मार्च। गलत जख्म प्रतिवेदन से जुड़े मामले में नवादा जिले के दो पूर्ववर्ती सिवल सर्जन डा. श्रीनाथ प्रसाद और डा. विमल प्रसाद सिंह सहित चिकित्सक डा. प्रभाकर सिंह, डा. एसडी अरैइयर की मुश्किलें बढ़ गई है। जबकि दो चिकित्सक डा. धनन्जय कुमार, डा. संजीत कुमार पहले से ही फंसे हुए हैं। इन सभी चिकित्सकों के खिलाफ अदालत ने संज्ञान लिया है। इन चिकित्सकों के अलावा जिला पार्षद अंजनी सिंह, जिला पार्षद के सहयोगी पंकज पाठक व मधोरन सिंह के विरूद्ध भी संज्ञान लिया गया है।

व्यवहार न्यायालय के चतुर्थ अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने भादंवि की धारा 120बी, 467, 468 व 471 में घटना को प्रथम दृष्टया सत्य पाते हुए संज्ञान लिया। मामला वारिसलीगंज थाना कांड संख्या 121/18 से जुड़ा है।बताया जाता है कि जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुटरी गांव निवासी अंजनी सिंह (जिला पार्षद) एवं अन्य ने अपने ही गाॅव के प्रोफेसर बलिराम सिंह को मारपीट कर गम्भीर रूप से जख्मी कर दिया था। इस संदर्भ में वारिसलीगंज थाना कांड संख्या-181/15 दर्ज कराया गया था। जिसमें अंजनी सिंह समेत कई लोगों को अभियुक्त बनाया गया था।

जख्मी बलिराम सिंह ने बाद के दिनों में जख्म प्रतिवेदन में छेड़छाड़ करने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसके बाद मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। मेडिकल बोर्ड द्वारा भी आरोपियों जिसमें जख्म प्रतिवेदन देने वाले चिकित्सक भी शामिल थे के बचाव का प्रयास किया गया था।

जिसपर पीड़ित प्रोफेसर द्वारा पुलिस के वरीय अधिकारियों से गुहार लगाई गई थी। तब जाकर जख्म प्रतिवेदन देने वाले चिकित्सकों डा. धनंजय कुमार और डा. संजीत कुमार सहित पूर्व के कांड 181/15 के आरोपितों के विरुद्ध एफआईआर वारिसलीगंज थाना कांड संख्या-121/18 दर्ज की गई थी। इस कांड के अनुसार वारिसलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द के चिकित्सक डा. धनन्जय कुमार, सदर अस्पताल नवादा के चिकित्सक डा. संजीत कुमार के द्वारा जख्मी बलराम सिंह का चिकित्सा किया गया था। किन्तु अभियुक्त के मेल में आकर गलत जख्म प्रतिवेदन बनाया गया था।

जख्मी बलिराम सिंह की शिकायत पर तत्कालीन सिविल सर्जन श्रीनाथ प्रसाद की अध्यक्षता में सदस्य चिकित्सक डा. विमल प्रसाद सिंह, डा. एसडी अरैइयर एवं डा. प्रभाकर सिंह ने जख्मी प्रोफेसर के इलाज से जुड़े दस्तावेजों का अवलोकन किया था। जिसमें वारिसलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द के चिकित्सक डा. धनन्जय कुमार, सदर अस्पताल नवादा के चिकित्सक डा. संजीत कुमार के द्वारा जारी जख्म प्रतिवेदन को आंशिक रूप से गलत बताया था। बता दें कि इस मामले में डा. संजीत और मधोरन सिंह 7 माह पूर्व ही गिरफ्तार हो चुके हैं। जबकि अंजनी सिंह और पंकज पाठक ने कोर्ट में समर्पण किया था। डा. धनंजय अग्रिम जमानत के लिए पटना हाईकोर्ट तक पहुंच गए थे।

अब चार और चिकित्सकों के खिलाफ कोर्ट द्वारा संज्ञान लिया गया है। ऐसे में इन लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है। सभी को अदालत से जमानत लेना ही पड़ेगा। इस घटना ने चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा कर रख दिया है।आज तक चिकित्सक सोचते थे कि जख्म प्रतिवेदन मनमानी तरीके से देना मेरा स्वतवा धिकार है। लेकिन कानून ने ऐसे मनमानी पर बंदिश लगा कर एक इतिहास कायम की है।

Join WhatsApp Channel Join Now
Subscribe and Follow on YouTube Subscribe
Follow on Facebook Follow
Follow on Instagram Follow
Follow on X-twitter Follow
Follow on Pinterest Follow
Download from Google Play Store Download

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button