मधुबनी- 23 दिसंबर। पटना हाई कोर्ट के निरीक्षी न्यायमूर्ति संदीप कुमार और जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी ने संयूक्त तौर पर बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को वकालतखाना भवन निर्माण की आधारशिला रखी। इससे पहले एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें निरीक्षी न्यायमूर्ति समेत आगत अतिथियों को पाग दोपट्टा से सम्मानित किया गया। अधिवक्ताओं ने पुष्प गुच्छ भी भेंट किये। सम्मान समारोह के क्रम में मिथिला की महत्ता पर संक्षिप्त चर्चा की गई। इसके साथ ही व्यवहार न्यायालय में एक एडीजे की अदालत की व्यवस्था करने की आवश्यकता जतायीं गयी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हाई कोर्ट पटना के निरीक्षी निरीक्षी न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने कहा कि एक जमाना था, जब वकीलों के लिए कोई नही सोंचता था, कोई बिल्डिंग नही होती थी। वकील अपना छप्पर तानकर काम करते थे। परंतू अब बदलाव आया है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। जहां भी कोर्ट बनता है, वहां वकीलों की सुविधा का भी ख्याल रखा जाता है। पान से वकालतखाना को दूर रखने की जरूरत है। प्रोविजन ऑफ लॉ और प्रेयर भी नही होता है आवेदनों में, केस को लंबा खिंचने से परहेज करने की अपील वकीलों से की। कहा जल्दी न्याय दिलाएंगे तो वही क्लाइंट दूसरा क्लाइंट भी भेजेंगे। कोर्ट के स्टाफ से निवेदन है कि पुराने मामले को निष्पादन करायें। न्यायपालिका को मदद करें। एक एडीजे की व्यवस्था के लिए स्टैंडिंग कमिटि के पास आग्रह किया जायेगा और सारी कमी पूरी की जायेगी। वकील चाहेंगे, तो कोर्ट सुचारू रूप से चलेगा। गरीब क्लाइंट का ख्याल रखें। मध्यस्थता से पुराना मामला खत्म होने का बार-बार प्रयास करें। मुकदमा लड़ना जिंदगी का लक्ष्य नही हो। जिले के लिए जितना संभव हो सकेगा, उतना किया जायेगा। वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनामिका टी ने कहा कि बेनीपट्टी में मेरा यह दूसरा अवसर है, जहां आने का मौका मिला है। व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीशों एवं न्यायिक कर्मियों से कहा कि आपलोग बेहतर काम कर रहे हैं और इतना ही बेहतर की जिला मुख्यालय से अधिक बेहतर काम हो रहा है, यह सुखद है। ऐसे ही आगे भी काम करते रहने की जरूरत है। आशा है कि निरीक्षी न्यायाधीश के पहल पर यहां और भी बुनियादी ढांचे मजबूत किये जा सकेंगे। उन्होंने न्यायधीशों, न्यायिक कर्मियों व अधिकवक्ताओं से कहा कि आप लोग न्याय के पुजारी हैं। अधिक से अधिक संसाधन व बुनियादी ढांचा के विकास पर है। लायर्स हॉल का मतलब न्याय तक पहुंचने का रास्ता होगा। यह बिहार से सबसे बढ़िया बने यह प्रयास होगा। मालुम हो कि भवन निर्माण विभाग के द्वारा तकरीबन 67 लाख रुपये की लागत से 91 मीटर लंबाई व 35 मीटर चैड़ाई आकार का वकालतखाना भवन बनाया जाना है,जो सभी बुनियादी सुविधाओं से लैश होगा। मौके पर एसीजेएम मनीष कुमार, एसडीजेएम रंजीत कुमार सोनू,एपीपी राजदेव तिवारी,अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रमेश मेहता,सचिव ईश्वरचंद्र झा,अधिवक्ता राजदेव प्रसाद,महेंद्र नारायण राय,दशरथ बेयार प्रियदर्शी आदि थे।