बिहार

2005 से पहले नौकरी के बदले जमीन लिखवा ली जाती थी: नीतीश कुमार

पटना- 04 नवम्बर। जदयू के स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राजग उम्मीदवार के पक्ष में पांच सभाओं को सम्बोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि 2005 से पहले नौकरी के बदले जमीन लिखवा ली जाती थी। आलम ये था कि राज्य के युवा रोजगार की खोज में दर-दर भटकने और दूसरे राज्यों में पलायन को मजबूर थे।

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि उस वक्त राज्य की शासन प्रणाली इतनी खराब हो चुकी थी कि बिहार के युवा जब दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए जाते थे, तो उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता था। युवा वर्ग के सामने नौकरी और रोजगार को लेकर अंधकार छाया हुआ था। तत्कालीन सरकार की युवाओं को नौकरी और रोजगार देने को लेकर नीति और नीयत दोनों ही स्पष्ट नहीं थी।

सीएम नीतीश ने कहा कि उस वक्त किसी भी विभाग में कोई बहाली नहीं निकलती थी। कुछ पदों पर बहाली निकलती भी थी, तो सत्ता पोषित लोग उसका सौदा करने में लग जाते थे। राज्य के बाहर युवाओं की बिहार और बिहारी के नाम पर खिल्ली उड़ायी जाती थी। राज्य के बाहर लोग अपनी पहचान छिपाने को विवश थे, क्योंकि उस वक्त बिहारी कहलाना अपमान का विषय बन गया था।

सीएम नीतीश ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में जब नयी सरकार का गठन हुआ, तो हमलोगों ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरी और रोजगार मुहैया कराने को लेकर एक ठोस नीति बनायी। इसके लिए सबसे पहले हमलोगों ने राज्य के अलग-अलग विभागों में खाली पड़े पदों पर बहाली का निर्णय लिया।

नीतीश ने कहा कि वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी और लाखों लोगों को रोजगार दिया गया। राज्य में और ज्यादा युवाओं को नौकरी और रोजगार देने के लिए हमलोगों ने रोडमैप तैयार किया और वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

वर्ष 2020 से 2025 में 10 लाख के बजाय 40 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है, जबकि 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी भी दे दी गयी है। ऐसे में अब तक 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया गया है।

नीतीश ने कहा कि अब हमलोगों ने अगले 5 वर्षों (वर्ष 2025-2030) में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में नए पद सृजित किये जाएंगे। युवाओं को रोजगार पाने योग्य बनाने हेतु विभिन्न तकनीकी संस्थानों में बड़े पैमाने पर कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया है। राज्य में उद्योगों की स्थापना एवं निवेश की व्यवस्था कर रोजगार के अवसर पैदा किये जायेंगे। नई उद्योग नीति के तहत राज्य में उद्योग-धंधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसे लेकर विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज की भी व्यवस्था की गयी है, ताकि प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन हो सके। राजग की डबल इंजन की सरकार की दुगुनी ताकत से राज्य में बड़े पैमाने पर उद्योग लगाये जायेंगे। उद्योगों की स्थापना के लिये हर जिले में जमीन अधिग्रहण कर लैंड बैंक बनाये जा रहे हैं, जिससे आसानी से जमीन उपलब्ध हो सकेगी।

नीतीश ने कहा कि संविदा पर कार्यरत कर्मियों को उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाओं के आलोक में पहले से ही 60 साल तक की उम्र का कार्यकाल, सरकारी नौकरी में कार्य अनुभव के आधार पर अधिमानता, मानदेय में नियमित वृद्धि की सुविधायें दी जा रही हैं। इस प्रकार से राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार के लिए हमलोगों ने जो काम किए हैं, उसे आपलोग याद रखिएगा। झूठे, भ्रामक एवं काल्पनिक वादे कर लोगों को गुमराह करने वालों के झांसे में न आयें। आगे भी हमलोग ही राज्य के युवाओं को नौकरी और रोजगार देंगे क्योंकि, हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं।

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