बिहार

दिल्ली: नववर्ष में गरीबों को मिलेगी अपने मकान की चाबी : मुख्यमंत्री 

नई दिल्ली- 29 दिसंबर। दिल्ली सरकार राजधानी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिकों को केवल छत ही नहीं, बल्कि सम्मानजनक और सुविधायुक्त जीवन उपलब्ध कराने के अपने संकल्प पर लगातार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कहना है कि इसी क्रम में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) की मौजूदा ईडब्ल्यूएस आवासीय कॉलोनियों में सामुदायिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। दिल्ली सरकार का उद्देश्य केवल मकान बनाकर जिम्मेदारी पूरी करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि गरीब और वंचित वर्ग को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल, हरित क्षेत्र और रोजगार से जुड़ी सुविधाएं भी एक साथ उपलब्ध हों। सावदा घेवरा जैसी गरीबों के लिए बनाई गई बड़ी कॉलोनी में बुनियादी और सामाजिक ढांचे का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उम्मीद है कि अगले वर्ष से गरीबों को फ्लैट्स मिलने लगेंगे।

मुख्यमंत्री ने आज जानकारी दी कि सावदा घेवरा ईडब्ल्यूएस आवासीय कॉलोनी लगभग 37.81 एकड़ भूमि में विकसित की गई है। यहां वर्ष 2012 से 2018-2020 तक कुल 7,620 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया गया है, जिनमें से 6,476 आवास अभी रिक्त हैं। लेकिन पूर्व सरकारों ने इस कॉलोनी में गरीबों को बसाने में रुचि नहीं दिखाई, जिस कारण अधिकतर फ्लैटों को मरम्मत की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि यहां बड़े पैमाने पर आबादी को बसाने की क्षमता मौजूद है, लेकिन इसके लिए जरूरी सामाजिक और सामुदायिक सुविधाओं का समयबद्ध विकास बेहद आवश्यक है। कॉलोनी में 100 प्रतिशत सीवरेज नेटवर्क उपलब्ध है, जो बुनियादी शहरी ढांचे की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। अब दिल्ली सरकार ने यहां गरीबों को बसाने की तैयारी शुरू कर दी है। उसके लिए यहां बुनियादी सुविधाएं तेजी से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री के मुताबिक हमारी सरकार की सोच केवल पक्के मकान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि गरीब परिवारों को ऐसी कॉलोनियों में बसाया जाए, जहां उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल आपूर्ति, हरित क्षेत्र और आजीविका से जुड़ी सभी बुनियादी सुविधाएं एक साथ उपलब्ध हों।

मुख्यमंत्री के अनुसार सावदा घेवरा में हरित क्षेत्रों और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए 39 आवासीय पार्क विकसित किए गए हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 22 हजार वर्ग मीटर से अधिक है। इसके साथ ही दो भूमिगत जल टैंक, बूस्टर स्टेशन और ओवरहेड वाटर टैंक की व्यवस्था की गई है, जिससे जल आपूर्ति को स्थायी और सुचारु बनाया जा सके। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए चार ढलाव बनाए गए हैं, जिनमें कचरा पृथक्करण की सुविधा भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, हरियाली और जल प्रबंधन किसी भी कॉलोनी की जीवनरेखा होते हैं और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सावदा घेवरा में इन सुविधाओं में कोई कमी न रहे। कॉलोनी में कई अहम सुविधाएं अभी निर्माणाधीन अवस्था में हैं। यहां दो प्राथमिक विद्यालयों में से एक का निर्माण पूरा हुआ है। इसी तरह एक डिस्पेंसरी या अस्पताल प्रस्तावित है। स्थानीय व्यापार और रोजगार से जुड़ी सुविधाओं जैसे लोकल शॉपिंग सेंटर, सर्विस मार्केट, मिल्क बूथ और थ्री-व्हीलर व टैक्सी स्टैंड जैसी सुविधाएं विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि इन सुविधाओं के अभाव में लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दूर जाना पड़ता है, जिसे सरकार स्वीकार नहीं कर सकती। वैसे तो सावदा घेवरा के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बस स्टॉप, सामुदायिक भवन, डाकघर, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र और बस्ती विकास केंद्र जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। वहीं 3 किलोमीटर के दायरे में मेट्रो स्टेशन, पुलिस चौकी, पुलिस थाना और अतिरिक्त शैक्षणिक व स्वास्थ्य संस्थान उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सुविधाओं को कॉलोनी के आंतरिक ढांचे से बेहतर ढंग से जोड़ने की जरूरत है, ताकि निवासियों को उनका पूरा लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सावदा घेवरा सहित सभी डूसिब की ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में अधूरी सामुदायिक सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार चरणबद्ध तरीके से स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन और बाजार सुविधाओं का विकास कर रही है, ताकि गरीब परिवारों को शहर के अन्य हिस्सों की तरह समान नागरिक सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि यह केवल आवास परियोजना नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशी शहरी विकास का अभियान है।

मुख्यमंत्री के अनुसार दिल्ली सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि राजधानी का कोई भी गरीब या झुग्गीवासी सम्मानजनक आवास से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए बनाए गए कई आवास वर्षों तक खाली पड़े रहे, जिससे सार्वजनिक संसाधनों की हानि हुई और जरूरतमंद परिवार अपने अधिकार से वंचित रहे। हमारी सरकार इस स्थिति को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। हम ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में अधूरी पड़ी सामुदायिक सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अनुसार सावदा घेवरा में गरीबों के लिए मकान बनाने की शुरुआत वर्ष 2012 में शुरू हुई। गरीबों के लिए ये फ्लैट जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) योजना के अंतर्गत बनाए गए थे और वर्ष 2020 तक इनका निर्माण पूरा कर लिया गया। यहां कुल 7,620 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया गया है, जिनमें से 6,476 आवास अभी रिक्त हैं।

मुख्यमंत्री ने इनमें से 2500 खाली फ्लैटों की मरम्मत के लिए 27.50 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं ताकि इन्हें बसाने योग्य बनाया जा सके। उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष सुविधाओं से लैस इन फ्लैट्स का आवंटन शुरू कर दिया जाएगा। बाकी बचे फ्लैटों का मरम्मत कार्य अगले चरण में किया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन, बाजार और परिवहन सुविधाओं का विकास कर रही है।

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