
सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए मुस्लिम समाज के लोगाें ने किया उर्दू रामायण का वाचन
मौलवी बादशाह हुसैन खां राना लखनवी ने लिखी थी उर्दू रामायण
बीकानेर- 19 अक्टूबर। दीपाेत्सव के माैके पर पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब के संयुक्त तत्वावधान में रविवार काे मरुधर हेरिटेज में उर्दू रामायण का वाचन किया गया। जिसमें मौलवी बादशाह हुसैन खां राना लखनवी की लिखी उर्दू रामायण का वाचन शायर जाकिर अदीब और असद अली असद ने किया।
श्रोताओं ने उर्दू रामायण के हर एक छंद को बड़े गौर से सुना और खूब सराहा। डॉ. जिया उल हसन कादरी ने बताया कि सन,1935 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने तुलसीदास जयंती के अवसर पर रामायण पर उर्दू नज़्म लिखने की अखिल भारतीय स्तर पर एक प्रतियोगिता हुई थी। उस समय मौलवी बादशाह हुसैन खां राना लखनवी बीकानेर में उर्दू फारसी पढ़ाते थे। उन्होंने अपने एक कश्मीरी पंडित शागिर्द, जो जेल में अधिकारी थे, उनके कहने पर सम्पूर्ण रामचरित मानस को उर्दू नज़्म के रूप में रच दिया, जिसे बनारस विश्वविद्यालय ने स्वर्ण पदक से नवाजा। उस समय महाराजा गंगासिंह ने इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया था। शहर में पिछले कई सालो से दीपोत्सव पर मुस्लिम समाज के लोग सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए आयोजन कर रहे हैं। आयोजन में पूर्व महापौर मकसूद अहमद सहित कई गणणान्य मौजूद रहे।