बांग्लादेश पत्रकारों के लिए यातनागृह, 11 माह में 412 पर मुकदमा, 39 गिरफ्तार, 168 की मान्यता रद्द

ढाका- 08 जुलाई। ढाका रिपोर्टर्स यूनिटी (डीआरयू) ने बांग्लादेश में पत्रकारों की स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। डीआरयू के पूर्व अध्यक्ष सैयद शुकुर अली शुवो समेत 51 पत्रकारों ने खुलासा किया है कि 11 महीने की अवधि में 412 पत्रकारों पर मुकदमा चलाया गया। इनमें से 39 को गिरफ्तार कर जेलों में डाल दिया गया। यही नहीं 168 की प्रेस मान्यता रद्द कर दी गई और 100 से अधिक लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, पत्रकारों ने सोमवार को जारी बयान में सत्ता प्रतिष्ठान की आलोचना करते हुए जेल में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग करते हुए मीडियाकर्मियों के खिलाफ जारी उत्पीड़न और धमकियों की निंदा की है। बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में मुल्क में पत्रकारों पर हत्या के आरोप, नौकरी से निकाले जाने, मीडिया आउटलेट्स पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। निरंकुश भीड़ भी पत्रकारों की जान लेने में पीछे नहीं रही।

बयान में अफसोस जताया गया है कि इन घटनाओं के लिए किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह नहीं ठहराया गया है। बयान में विभिन्न मीडिया आउटलेट्स में प्रकाशित रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा गया है कि पिछले साल जुलाई से दिसंबर तक 10 पत्रकारों की हत्या हुई। 300 से अधिक पत्रकारों की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यही नहीं कई पत्रकारों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए और 101 मीडिया कर्मचारियों को राष्ट्रीय और स्थानीय प्रेस क्लबों से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

बयान के अनुसार, पत्रकार संघों पर कब्जा कर लिया गया है। ढाका यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स का कार्यालय पिछले 11 महीने से बंद है। जमानत प्राप्त करना संवैधानिक अधिकार है, लेकिन कई पत्रकार बिना किसी सुनवाई के महीनों तक जेल में बंद रहे। यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। बयान में सरकार से मांग की गई है “हमें उम्मीद है कि अंतरिम सरकार राजनीतिक संबद्धता से ऊपर उठकर स्थिति में सुधार करेगी। भीड़ की हिंसा पर अंकुश लगाएगी और सभी प्रकार के उत्पीड़न को समाप्त करके पत्रकारों की पेशेवर सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।” बयान में इस बात पर भी गहरी चिंता व्यक्त की गई है कि अंतरिम सरकार के कार्यकाल के लगभग एक साल बाद भी स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है।

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Author: lakshyatak

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