BIHAR:- मधुबनी में फिर एक बीएलओ की मौत, आक्रोश में परिवार

मधुबनी- 08 जूलाई। फुलपरास थाना क्षेत्र अंतर्गत शहीद परमेश्वर चौक के निकट एनएच-27 पर मंगलवार को सुबह लगभग साढ़े नौ बजे एक दर्दनाक सड़क हादसे में कृषि समन्वयक सह बीएलओ सुपरवाइजर चंदन प्रसाद प्रभाकर की मौत हो गई। चंदन मूल रूप से घोघरडीहा प्रखंड के बथनाहा गांव के निवासी थे और लौकही प्रखंड में कृषि समन्वयक के पद पर कार्यरत थे। वर्तमान में वे मतदाता सूची विशेष गहन पुननिरीक्षण अभियान के तहत बीएलओ सुपरवाइजर की जिम्मेदारी निभा रहे थे और ड्यूटी जाने के दौरान ही यह हादसा हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना इतनी भीषण थी कि घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही लौकही प्रखंड कार्यालय में शोक की लहर दौड़ गई। चंदन के सहयोगी एवं विभागीय कर्मियों ने उनकी असामयिक मौत पर गहरा दुख जताया और जिला प्रशासन से उनके परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता तथा एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। चंदन प्रसाद प्रभाकर एक कर्मठ, ईमानदार एवं जिंदादिल नौजवान माने जाते थे। समाजसेवा और कर्तव्यनिष्ठा के लिए वे हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहे। उनके असामयिक निधन को गांव, समाज और प्रशासनिक जगत ने अपूरणीय क्षति बताया है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं। प्रशासन द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं, अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव में लोगों का तांता लगा हुआ है। ग्रामीणों,सहकर्मियों और जनप्रतिनिधियों ने गहरा शोक प्रकट करते हुए प्रशासन से संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने की अपील की है।
शव पैतृक गांव बथनाहा पहुंचते ही मचा कोहराम, पत्नी बार-बार हो रही थी बेहोश, ग्रामीणों की आंखें हुईं नम—
पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही चंदन प्रसाद प्रभाकर का शव उनके पैतृक गांव बथनाहा पहुंचा, पूरे गांव में कोहराम मच गया। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल था। उनकी पत्नी सदमे में बार-बार बेहोश हो रही थी। बच्चों की मासूम चीख और वृद्ध माता-पिता की चीत्कार ने उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम कर दीं। ग्रामीणों ने बताया कि चंदन बेहद मिलनसार और जिम्मेदार युवक थे। किसी की भी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उनके यूं अचानक चले जाने से पूरा गांव स्तब्ध है। चंदन की पत्नी सुनीता देवी और उसके माता पिता को ग्रामीण ढाढस बंधा रहा था? पुत्र उमाशंकर कुमार, रविशंकर कुमार,अजय कुमार और पुत्री-ऋतु रानी तो कुछ समझ ही नहीं रही थी कि आज उसके घर इतनी भीड़ क्यों है? उसके पापा उठ क्यों नहीं रहे है। अंतिम दर्शन के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी, सहकर्मी मनोरंजन कुमार, रमेश कुमार मेहता, इन्द्रकांत प्रसाद, सज्जन कुमार, बबलू कुमार कृषि समन्वयक रवि रंजन प्रखण्ड तकनिकी प्रबंधक सौरव कुमार झा सहित हजारों की संख्या में लोग जुटे ग्रामीण नम आंखों से विदाई दी।वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों में वरिष्ठ जेडीयू नेता शैलेन्द्र मंडल, पंचायत समिति सदस्य सुशील कामत, मुखिया उमर खान, पूर्व सरपंच चंदेश्वर यादव ने भी परिवार को सांत्वना दी और सरकार से मुआवजा एवं नौकरी की मांग को जायज ठहराया। चंदन की मौत ने प्रशासनिक व्यवस्था में कार्यरत कर्मियों की जमीनी कठिनाइयों को भी उजागर कर दिया है।
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Author: lakshyatak

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