पटना-कोटा ट्रेन की चपेट में आने से दो रेल कर्मचारियों की मौत, रेलवे स्टाफ में रोष

सवाई माधोपुर- 30 अप्रैल। दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर सुबह एक हादसे में दो रेल कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई। पटना-कोटा एक्सप्रेस (13237) की चपेट में आने से दोनों कर्मचारी बुरी तरह कट गए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हादसा छोटी उदई स्टेशन के पास उस वक्त हुआ जब वे ट्रैक पर मरम्मत कार्य में लगे हुए थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह करीब 10:30 बजे रेलवे में तकनीशियन के पद पर कार्यरत कांकर रेती गांव निवासी गोवर्धन सैनी (28) और हेल्पर के पद पर कार्यरत खोहरा गांव निवासी दिनेश मीणा (35) रेलवे ट्रैक पर सिग्नल से संबंधित कार्य कर रहे थे। उसी समय एक मालगाड़ी गंगापुर से दिल्ली की ओर गुजर रही थी। इसके चलते दोनों कर्मचारी ट्रैक से हटकर दूसरी लाइन पर चले गए।

लेकिन दुर्भाग्यवश, उसी समय पटना-कोटा एक्सप्रेस तेजी से उसी लाइन पर आ गई, और दोनों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि दोनों कर्मचारियों के शरीर के चिथड़े उड़ गए। घटना के तुरंत बाद ट्रेन को रोका गया और वह करीब 40 मिनट तक घटनास्थल पर खड़ी रही।

सूचना मिलने पर जीआरपी और स्थानीय सिविल पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों कर्मचारियों के शवों को एकत्र कर मिनी ट्रक से गंगापुर अस्पताल की माेर्चरी में भिजवाया गया। रेलवे के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।

रेलवे के सहायक असिस्टेंट सिग्नल अजहरुद्दीन ने जानकारी दी कि मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। दोनों शवों का मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमॉर्टम कराया गया और बाद में परिजनों को सौंप दिया गया।

घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों में रोष गहरा गया। उनका कहना था कि स्टाफ की भारी कमी के कारण कर्मचारियों पर काम का दबाव अत्यधिक बढ़ गया है। ऐसे में सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है, जिससे जानलेवा हादसे हो रहे हैं।

एक वरिष्ठ कर्मचारी ने बताया कि “अगर कर्मचारियों की संख्या पूरी होती, तो आज यह हादसा टल सकता था। रेल प्रशासन को चाहिए कि वह फील्ड स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करें और हर कार्य के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए।”

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Author: lakshyatak

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