पटना- 03 फरवरी। बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के कटैया गांव निवासी इमाम मौलाना मो. फिरोज की पुलिस द्वारा बेरहमी से की गई पिटाई पुलिस के भाजपाकरण का खतरनाक संकेत है। वाहन चेकिंग के नाम पर एक नौजवान को पकड़कर बर्बर पिटाई करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि संविधान का अपमान भी है। उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम गाड़ी पकड़ना या फाइन चार्ज करना हो सकता है। लेकिन फिजिकल असॉल्ट का कोई अधिकार उसे नहीं है। दोषी पुलिस कर्मियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा।
दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि जब पुलिस वर्दी की आड़ में गुंडागर्दी करेगी, तब यह कानून का राज नहीं, बल्कि आतंक राज कहलाएगा। कटैया गांव में इमाम फिरोज के साथ हुई पुलिस बर्बरता इसका प्रमाण है। पुलिस का सांप्रदायिक चेहरा और मुस्लिम विद्वेष सामने आ चुका है। यह न्यायप्रिय समाज के लिए एक गंभीर सवाल है। हम संविधान और इंसाफ पसंद नागरिकों से अपील करते हैं कि इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।