नई दिल्ली- 17 जनवरी। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की ओर से हाल ही में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े कुछ संस्थाओं और व्यक्तियों पर लगाए अतिरिक्त प्रतिबंधों को देखते हुए भारतीय कंपनियों को इसके प्रति जागरूक किया है और साथ ही अमेरिकी प्रशासन से इसके प्रभाव के बारे में अधिक स्पष्टीकरण चाहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर दोहराया कि भारत की तेल खरीद देश की ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों, वैश्विक परिस्थितियों तथा बाजार की स्थिति पर आधारित है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कुछ प्रश्नों के उत्तर में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ताजा प्रतिबंधों के बारे में हमने अमेरिकी प्रशासन से भारतीय कंपनियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर स्पष्टीकरण मांगा है और भारत की तेल खरीद करने वाली कंपनियों को भी इसके प्रति आगाह किया है।
उल्लेखनीय है कि रूस के यूक्रेन के साथ संघर्ष के बीच अमेरिका ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। भारत इस वैश्विक स्थिति में अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से तेल आयात कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इसी संदर्भ में आज स्पष्टीकरण दिया और दोहराया कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी जरूरतें हैं। यह हमारी आवश्यकताओं और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में बाजार की स्थितियों के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकताओं से निर्देशित हैं।
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