शेख हसीना के लंदन में शरण मिलने पर लग सकता है ग्रहण

लंदन/वांशिगटन/ढाका- 06 अगस्त। बांग्लादेश में अराजक हालात और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद लंदन जाने के कयासों के बीच ब्रिटेन विदेश सचिव डेविड लैमी के बयानों पर गौर करें तो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को राजनीतिक शरण मिलने पर ग्रहण लग सकता है। ज्ञात रहे कि शेख हसीना बांग्लादेश से भारत पहुंची हैं जहां से उनके लंदन जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। हसीन इस समय भारत के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर हैं।

डेविड लैमी ने बांग्लादेश में पिछले दो सप्ताह के हालात का जिक्र करते हुए इन घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच की वकालत करते हुए कहा है कि ब्रिटेन चाहता है कि बांग्लादेश को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जाए।

ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा, बांग्लादेश में पिछले दो सप्ताहों में अभूतपूर्व हिंसा में बढ़ोतरी और दुखद जान-माल की हानि देखी गई है। सेना प्रमुख द्वारा एक संक्रमणकालीन अवधि की घोषणा की गई है। अब सभी पक्षों को हिंसा को समाप्त करने, शांति बहाल करने, स्थिति को कम करने और किसी भी तरह की जान-माल की हानि को रोकने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। बांग्लादेश के लोग पिछले कुछ सप्ताहों की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं। ब्रिटेन चाहता है कि बांग्लादेश को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जाए। ब्रिटेन और बांग्लादेश के लोगों के बीच गहरे संबंध हैं और राष्ट्रमंडल मूल्य साझा हैं।

वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बांग्लादेश की स्थिति और हसीना के जाने और बांग्लादेश के बदलते घटनाक्रम पर कहा, हम अंतरिम सरकार की घोषणा का स्वागत करते हैं और आग्रह करते हैं कि कोई भी परिवर्तन बांग्लादेश के कानूनों के अनुसार किया जाए ।

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर, अमेरिकी विदेश विभाग के कहते हैं, हमारी संवेदनाएँ निश्चित रूप से उन लोगों के साथ हैं जो पिछले कुछ हफ्तों में हुई हिंसा में आहत हुए हैं। हम अब हिंसा को समाप्त करने और जवाबदेही के लिए समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अंतरिम सरकार के बारे में सभी निर्णय लोकतांत्रिक सिद्धांतों, कानून के शासन और बांग्लादेशी लोगों की इच्छा के अनुसार किए जाने चाहिए।

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Author: lakshyatak

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