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दीप पर्व पर काशी में तिमिर पर रोशनी की बरसात, रोशनी से जगमगाया कोना-कोना

वाराणसी- 12 नवम्बर। कार्तिक कृष्ण अमावस्या पर शनिवार को काशीपुराधिपति की नगरी में पांच राजयोग के बीच ज्योति पर्व दीपावली उल्लासपूर्ण माहौल में बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है। कार्तिक कृष्ण प्रदोष और रात्रि व्यापिनी अमावस्या,शुभ मुहूर्त,प्रदोषकाल,स्थिर लग्न में विधि विधान से भगवान गणेश और महालक्ष्मी की आराधना लोगों ने की। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों में वैदिक ब्राम्हणों के मंत्रोच्चार के बीच बहीखातों के साथ विधिवत भगवान गणेश और महालक्ष्मी की पूजा की। पूजा अर्चना के बाद ग्राहकों और परिचितों के बीच व्यापारियों ने मिठाइयां उपहार के रूप में बांटी। घरों में महिलाओं ने रंगोली और अल्पनाएं सजाकर महालक्ष्मी की पूजा अर्चना कर परिवार में धन,ऐश्वर्य व सुख-संपदा की कामना की। थानों में भी महिला पुलिस कर्मियों ने पूरे उत्साह से रंगोली बनाई।

ज्योति पर्व पर शाम ढलते ही महिलाओं और बच्चों ने अपने घरों के छतों, मुंडेर पर दीप जला रंगोली अल्पना बनायी । घरों को दीपों और रंगों से आकर्षक रूप देने के लिए लड़कियां सुबह से ही साज-सज्जा में लगी रहीं। पर्व पर बिजली के सतरंगी झालरों से बाजारों के साथ घर-आंगन का कोना-कोना रोशनी से नहाये रहे। दीये,कंदील और मोमबत्तियों की मनमोहक सजावट भी अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। तिमिर पर रोशनी की बरसात,दीयों की लौ, झिलमिलाती लड़िया इस कदर हावी थी कि लगता था कि धरा पर अन्धकार को रहने नही देगी। दिन के तीसरे पहर से बच्चे युवा आतिशबाजी कर परिवार के साथ खुशियां मनाते रहे। उधर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में भी वरिष्ठ प्रोफेसरों,आचार्यो,कर्मचारियों ने विधि विधान और उमंग के बीच लक्ष्मी गणेश का पूजन किया। रोशनी से सराबोर शहर और अपने घर,मकान,दुकान की सुन्दरता देख लोग सेल्फी भी लेते रहे। पर्व पर गंगा घाटों और घाट किनारे स्थित मकान, मंदिर रोशनी की आभा में दप-दप करते रहे। खासतौर से रामनगर का ऐतिहासिक दुर्ग में रोशनी का नजारा देखते ही बनता था।

कार्तिक अमावस्या तिथि रविवार को अपरान्ह दो बजे कर 12 मिनट के उपरान्त शुरू हुई। ज्योति पर्व पर आयुष्मान योग प्रात:काल से शाम 04 बजकर 25 मिनट तक,सौभाग्य योग: शाम 04 बजकर 25 मिनट से 13 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक,स्वाती नक्षत्र: प्रात:काल से 13 नवंबर को 02 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। महापर्व पर लोगों ने अपनी दुकानों, मकानों की सफाई पूरे दिन की। सुबह से ही शहर में अशोक के पत्ते,माला फूल की अस्थायी दुकानें सज गई। लोगों ने अशोक के पत्ते,फूल आदि की खरीददारी कर अपनी दुकानों,मकानों को सजाने के साथ वंदनवार भी खास पूजा अर्चना के लिए बनाया। दीपावली पर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक के बाजारों में रौनक दिखी। सुबह से लेकर रात तक लोग दीया, मोमबत्ती, तिल और तीसी का तेल, लक्ष्मी-गणेश खरीदते रहे।

दीपावली पर्व पर बधाई देने का दौर—

ज्योति पर्व पर अलसुबह से ही लोग एक-दूसरे को सुबह से बधाई,शुभकामना देते रहे। लोगों ने वाटस्एप, फेसबुक, एक्स से भी एक-दूसरे को बधाई दी। पर्व पर शहर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे। जिला प्रशासन ने आज भी खरीददारों की भीड़ देख शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था पर खासा ध्यान दिया। शहर में पुलिस बलों के साथ अर्धसैनिक बल के जवान लगातार गश्त करते रहे ।

पर्व पर कई कुन्तल फूलों की खपत हुयी। सबसे ज्यादा गेंदा,गुलाब,कमलदल के फूलों की ब्रिकी हुई। इसके अलावा केले व आम के पत्तों से तोरण बनाया गया। घर के दरवाजों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लोगों ने गेंदा के फूलों से सजावट किया था।

फड़ पर लाखों का वारा न्यारा—

दीप पर्व पर परम्परानुसार लोगों ने जुआ भी खेला। कई जगह फड़ों (जुआ खेलने की अड़ी) पर देर रात लोग बैठ कर सुरा के साथ हजारों लाखों का दाव लगा वारा न्यारा करते रहे। वहीं, घरों में कौड़िया खेली गयी। जुआ गली कुंचों से लेकर फाइव स्टार होटलों और पाश कालोनियों में लोगों ने खेला। कई जगह लोग परिवार के साथ बैठ कर रम्मी खेलते रहे।

पर्व पर मिठाइयों की जमकर बिक्री—

दीपावली पर्व पर मिठाईयों की जमकर बिक्री हुई। इसमें काजू कतली, बर्फी, बूंदी के लड्डू, मगदल, ड्राई फ्रूट से निर्मित मिठाइयों की मांग अधिक रही। शहर के कचहरी, अर्दली बाजार, पांडेयपुर, नदेसर, सिगरा, महमूरगंज, मंडुवाडीह, सहित विभिन्न इलाकों में मिठाईयों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ रही।

ग्रामीण अंचल में भी धूमधाम से मनी दिवाली—

दीप पर्व जिले के ग्रामीण अंचल में भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के मोहनसराय, राजातालाब, गंगापुर, बीरभानपुर, शहाबाबाद, दरेखू, जगतपुर, मिसिरपुर, रोहनिया, अखरी, लठियां, बच्छाव, काशीपुर, पयागपुर, भीमचंडी, मरूई,जख्खिनी, शहंशाहपुर,पनियरा, भवानीपुर सहित विभिन्न कई गांव के लोगों ने अपने अपने घरों में माता लक्ष्मी तथा गणेश भगवान का विधिवत पूजन अर्चन किया। इसके बाद देवालयों में मिट्टी का दीया जलाने के बाद मकानों व दुकानों में दीये जलाये। सुंदर आकर्षक रंग-बिरंगे झालर बत्तियों से सजावट और रंगोली बनाकर पर्व की खुशियां बांटी। बच्चों और युवाओं ने पर्व पर जमकर आतिशबाजी की। ग्रामीण अंचल में भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अफसर सतर्क रहे।

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