
मनरेगा के लिए धन की कोई कमी नहीं: केंद्रीय पंचायती राज मंत्री
नई दिल्ली- 20 अक्टूबर। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में धन की कोई कमी नहीं है। यह योजना डिमांड आधारित है। हम जितना वित्त मंत्रालय से मांगते हैं उतना हमें उपलब्ध करा दिया जाता है।
गिरिराज ने शुक्रवार को “ग्रामीण विकास मंत्रालय की 9 वर्षों की उपलब्धियों” पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस मनरेगा को लेकर भ्रम फैलाने का काम करती है, लेकिन इस योजना को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है और धन की कोई कमी नहीं है। सिंह ने कहा कि बीते 09 वर्षों में गांव, किसान, मजदूर के हित में मोदी सरकार ने काम किया है। इसका असर जमीन पर दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि 2014 से दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कुल 7.33 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) में शामिल किया गया है। बैंकों की ओर से स्वयं सहायता समूहों को वितरित ऋण की राशि 7.22 लाख करोड़ से अधिक है। यह प्रशंसनीय है कि 2014 के बाद से गैर निष्पादित परिसंपत्तियों का प्रतिशत घटकर 1.88 फीसदी हो गया है।
सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि आगामी दिसंबर महीने तक हम 10 करोड़ एसएचजी दीदियों तक पहुंचे और कम से कम 02 करोड़ दीदियों को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं। विभाग की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत पिछले 09 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 3.21 करोड़ घर पूरे किए जा चुके हैं। इन पिछले 09 वर्षों में लाभार्थियों को घर निर्माण के लिए कुल 2.48 लाख करोड़ की सहायता प्रदान की गई।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कुल 7.44 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़क पूरी हो चुकी है और 1.62 लाख से अधिक ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसम वाली सड़कों से जोड़ा गया है। मनरेगा के तहत, पिछले 09 वर्षों के दौरान कुल 2,644 करोड़ व्यक्ति दिवस सृजित किए गए हैं और 6.63 लाख करोड़ से अधिक केंद्रीय हिस्सेदारी के रूप में जारी किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जल भंडारण पहल के रूप में 67 हजार से अधिक ‘अमृत सरोवर’ का निर्माण किया गया है।



