
BIHAR:- जातीय गणना की सर्वदलीय बैठक में BJP ने आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करने की वकालत की
पटना- 03 अक्टूबर। जाति आधारित गणना के प्रकाशित होने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में नौ दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में जातीय गणना की रिपोर्ट पर चर्चा की गयी और सभी दलों से राय ली गयी। भाजपा का प्रतिनिधित्व करते हुए विजय कुमार सिन्हा ने आर्थिक सर्वेक्षण भी जारी करने की बात कही।
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि टुकड़े-टुकड़े में ये रिपोर्ट क्यों जारी कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि एक बार आर्थिक रिपोर्ट भी जारी हो। उनका पूरा रिपोर्ट देखने के बाद ही हम कोई भी बयान देंगे। माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि विकास योजनाओं का लाभ सबको मिले। जमीन संबंधी मामले को देखा जाए। भाजपा ने जातीय गणना को रोकने की तमाम कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। बैठक में शामिल होने से पूर्व कांग्रेस नेता शकील अहमद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इन आंकड़ों से देश और समाज उन्नति करेगा। कांग्रेस इसका स्वागत करती है। सभी चीजों पर सबकी सहमति जरूरी है।
बिहार सरकार ने गांधी जयंती पर जातीय गणना का रिपोर्ट जारी कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में हिन्दू आबादी 81.9986 प्रतिशत जबकि मुस्लिम आबादी 17.7088 प्रतिशत बताई गई है। ईसाई आबादी 0.576 प्रतिशत है। इसी तरह कुल 13 करोड़ की आबादी में पिछड़ा वर्ग (3,54,63,936) 27.1286 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (4,70,80,514) 36.0148 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (2,56,89,820) 19.6518 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (21,99,361) 1.6824 प्रतिशत, अनारक्षित (2,02,91,679) 15.5224 प्रतिशत बताई गई है। जाति संख्या की बात करें तो यादव आबादी सबसे अधिक 14.2666 प्रतिशत है। कुर्मी 2.8785 प्रतिशत, ब्राह्मण 3.6575 प्रतिशत, बनिया 2.3155 प्रतिशत, भूमिहार 2.8683 प्रतिशत और कुशवाहा 4.2120 प्रतिशत हैं।
उधर, जातीय गणना का मामला मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई छह अक्टूबर को करेगा। चूंकि यह मामला पहले से कोर्ट में चल रहा है, इसी कारण याचिकाकर्ता ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता ने जल्द सुनवाई की मांग की लेकिन कोर्ट ने कहा कि यह मामला पहले से 6 अक्टूबर को सूचीबद्ध है। इसलिए उसी दिन सुनवाई होगी।