सामाजिक सरोकारों को साकार कर रहा मुक्त विश्वविद्यालय: राज्यपाल

प्रयागराज- 26 सितम्बर। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का 18वां दीक्षान्त समारोह मंगलवार को प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह में महिला सशक्तिकरण का अनूठा संगम देखने को मिला। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय सिर्फ शिक्षा ही नहीं सामाजिक सरोकारों में भी आम जनमानस को शिक्षित करने एवं सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के पदक विजेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्हें घर जाकर अपनी मां को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि मां अपने बच्चों के हित में अपना सर्वस्व न्योछावर कर देती है, वैसे ही शिक्षकों को भी समाज हित में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में और वृद्धि होनी चाहिए। विश्वविद्यालय का दायित्व होना चाहिए कि समाज के प्रत्येक वंचित वर्ग को शिक्षा के साथ सर्वांगीण विकास के समान अवसर मिले।

राज्यपाल ने मुक्त विश्वविद्यालय को निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में दिए गये पद्म पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों के जीवन वृत्त से सम्बंधित बुकलेट तैयार कराये। जिसमें पुरस्कार प्राप्त करने वाले सामान्य व्यक्तियों के संघर्षशील व्यक्तित्व एवं उनके कार्यों का विवरण शामिल हो। जिससे भावी पीढ़ी उनके कार्यों से प्रेरणा ले सके। उन्होंने भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए भारत के सभी कुलपतियों का आह्वान किया कि यदि सभी कुलपति 100 बच्चों को अंगीकृत कर लें तो उनका जीवन बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने धीरूभाई अम्बानी का उदाहरण देते हुए कहा कि अच्छे विचारों को सदैव ग्रहण करना चाहिए।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर शशि कला वंजारी, कुलपति, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान, एनआईपीईए, नई दिल्ली ने कहा कि हमें युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो भारत का स्वर्णिम भविष्य लिख सके। भारत विश्व की प्राचीनतम समृद्ध संस्कृति और सभ्यता वाला देश है। प्राचीन भारत एक उन्नत ज्ञान आधारित समाज था जहां गुरुकुल के रूप में शिक्षा की गौरवशाली परम्परा थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के घोषणा भारत को एक सशक्त ज्ञान आधारित राष्ट्र बनाने तथा इसे वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी कदम है।

युवाओं के मजबूत कंधों पर ही देश, प्रदेश एवं समाज का भविष्य : राज्यमंत्री

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री उप्र सरकार रजनी तिवारी ने कहा कि रचनात्मक, राजनीतिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए युवा शक्ति को ही आगे आना होगा। युवाओं के मजबूत कंधों पर ही देश, प्रदेश एवं समाज का भविष्य टिका है। युवा ही देश के कर्णधार एवं भावी नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में उच्च शिक्षा के माहौल में सकारात्मक परिवर्तन आया है। शोध और नवाचार में तेजी से कार्य हो रहे हैं। दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विवि सम्पूर्ण प्रदेश में गुणवत्ता एवं कौशल आधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है।

कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कुलपति प्रतिवेदन तथा एक वर्ष की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने स्नातकोत्तर वर्ग में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को प्रदान किए। स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक श्री बाबा साधव राम महाविद्यालय आजमगढ़ अध्ययन केंद्र से पंजीकृत एमएससी (गृह विज्ञान) की छात्रा नीलम को दिया गया। कुलाधिपति ने 11 मेधावी शिक्षार्थियों को दानदाता स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। इस अवसर पर चुनिंदा 10 आंगनबाड़ी केंद्रों को विश्वविद्यालय की तरफ से कुलाधिपति ने किट भेंट किया। इसके अतिरिक्त 30 अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों को भी किट प्रदान किया गया। उन्होंने उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान से विश्वविद्यालय के प्रो. पीपी दुबे, प्रो. पीके पांडेय एवं प्रो. रुचि बाजपेई को सम्मानित किया।

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Author: lakshyatak

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