धर्मशाला- 22 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने अपने फ्रांस दौरे के दौरान सेंट मैरी डे चावग्नेस इंस्टीट्यूट, कांस, फ्रांस से दो समझौता ज्ञापनों पर करार किया है। इस मौके पर सिटी डिप्टी मेयर और संस्थान सेंट मैरी डे चावग्नेस के महानिदेशक डॉ क्रिस्टोफ मौजूद रहे।
इस करार के तहत,हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और सेंट मैरी डे चावग्नेस इंस्टीट्यूट,फ्रांस के छात्रों और संकाय सदस्यों को विनिमय कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। जिससे वह अपने ज्ञान और अनुभव साझा कर सकते हैं। दोनों देशों के छात्र नए शैक्षणिक दृष्टिकोण तलाश सकते हैं और अपने बौद्धिक क्षितिज का विस्तार कर सकते हैं। संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों का यह आदान-प्रदान दोनों संस्थानों के बीच अनुभवों को समृद्ध करेगा और वैश्विक दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।
इसके अतिरिक्त यह समझौता ज्ञापन संयुक्त अनुसंधान और शैक्षिक विकास को गति देगा। दोनों संस्थानों के संसाधनों का उपयोग उत्कृष्ट अनुसन्धान परियोजनों में किया जायेगा जिससे अंततः दोनों देशों के विद्यार्थी और समाज लाभान्वित होंगे। यह सहयोग न केवल दोनों संस्थानों की अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाएगा बल्कि ज्ञान की उन्नति और समाज की बेहतरी में भी योगदान देगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने बताया कि इस करार के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला और संस्थान सेंट मैरी डे चावग्नेस संयुक्त डिग्री प्रोग्राम और ड्यूल डिग्री प्रोग्राम के साथ ही ऑनलाइन कोर्सेस भी शुरू करेंगे जिससे दोनों देशों के विद्यार्थी वृहद् ज्ञान और कौशल से लाभान्वित हो सकेंगे।
इस करार से केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षकों के फायदे बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अब शिक्षक भी फ्रांस जाकर वहां की शिक्षा पद्धति और संस्कृति को समझ सकेंगे। संयुक्त तत्वावधान में शोध कर सकेंगे और साथ ही अपने शिक्षण कौशल को और निखार सकेंगे और यही फायदा फ्रांस के शिक्षकों को भी हिमाचल आकर होगा।
एचपीयू में शुरू होगा फ्रेंच ट्रेनिंग प्रोग्राम—
वहीं हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी प्रो. बंसल ने दूसरे समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। इस दौरान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला और सेंट मैरी डे चावेस इंस्टीट्यूट,कांस,फ्रांस के बीच करार हुआ जिसके तहत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में अब फ्रेंच ट्रेनिंग प्रोग्राम इस संस्थान के माध्यम से चलाया जाएगा। वहीं जी-20 में हुई चर्चा के अनुसार फ्रांस सरकार अब छात्र वीजा उपलब्ध करवाने में आसानी लाएगी जिसका फायदा इस समझौता ज्ञापन को मिलेगा।