
MADHUBANI:- अत्याचार के खिलाफ फुटपाथ विक्रेताओं का समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन, राजेन्द्र ने कहा- फुटपाथ विक्रेताओं को जीविका चलाने का मौलिक अधिकार
मधुबनी- 09 अगस्त। नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (नासवि) के आह्वान पर बुधवार को जिला फुटपाथ विक्रेता रोजी-रोटी मजदूर यूनियन के तत्वधान में शहर के सभी दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकाने बंद कर समाहरणालय के समक्ष नासवि के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि नासवी ने फुटपाथ विक्रेता रोजी-रोटी मजदूर के समर्थन में नौ सूत्री मांगों को लेकर आज विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों की सुविधा,कार्यकारिणी सदस्यों एवं पदाधिकारियों के कार्य और दायित्व,संगठन कोष, बाजार की साफ-सफाई व अन्य मुद्दे प्रदर्शन करने का मुख्य कारण हैं। श्री प्रसाद ने कहा कि फुटपाथ विक्रेता स्वरोजगारी हैं। इसके बाद भी इन्हें अतिक्रमण के नाम पर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय नीति कानून रहने के बाद भी प्रशासन द्वारा फुटपाथ विक्रेताओं पर शोषण व उत्पीड़न लगातार जारी रहता है। उन्होने कहा कि फुटपाथ विक्रेताओं को जीविका चलाने का मौलिक अधिकार है। उन्होने सरकार एवं प्रषासन से मांग करते हुए कहा कि राष्ट्रीय नीति कानून का पालन हो, तथा बाल बच्चों का जीविका चलाने का साधन नही छीना जाए। अगर जीविका चलाने के साधन को छीना जाता है, तो यह एक अपराध है। उस अपराध पर रोक लगायी जाए। तथा अतिक्रमणकारी कहकर फुटपाथ दुकानदारों पर अत्याचार को बंद किया जाए। श्री प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2016 में नगर परिषद मधुबनी द्वारा वेंडिंग जोन का निर्माण के लिए स्थानों को चिन्हित कर सरकार को प्रस्ताव भेजा गया। जिसमें 16 स्थान पर वेंडिंग जोन का निर्माण एवं मछली मांस विक्रेताओं के लिए आधुनिक सेट का निर्माण और किसानों के लिए प्लेटफार्म की व्यवस्था शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि हमारी 13 सूत्री मांगे नहीं पूरी होती है, तो उग्र प्रदर्शन करने पर बाध्य होंगे। प्रदर्षन में महादेव साह, मोहन कारक, सुनील महासेठ,दीपक कुमार,दिलीप साह, रंजीत,महेन्द्र साह,जगदीश साह,शिबू साह,राजेश साह,गंगा मंडल,सूरज चोपाल,गणेश साह,किशोर साह,विनोद साह सहित सैकड़ों की संख्या में फुटपाथ विक्रेता रोजी-रोटी मजदूर शामिल थे।



