बिहार

BIHAR:- जातीय गणना को रोकने का भाजपा की साजिश का पर्दाफाशः बचनू मंडल

मधुबनी-03 अगस्त। बिहार में बहुप्रतीक्षित जातीय गणना को रोकने की भाजपा की गुप्त साजिश का पर्दाफाश हो गया है। उक्त बातें एक प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष बचनू मंडल ने बताया कि जाति आधारित गणना के खिलाफ याचिका दायर करने वाले तीनों प्रमुख याचिकाकर्ताओं का संबंध भाजपा के साथ है। यूथ फॉर इक्वलिटी की स्थापना 2006 में ओबीसी को दिए गए आरक्षण के फैसले के विरुद्ध की गई थी, यह संस्था 2019 में गरीब सवर्णो को दिए गए 10 प्रतिषत आरक्षण के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। इस संस्था का संबंध भाजपा के साथ काफी गहरा रहा है। जातीय गणना के विरुद्ध याचिका दायर करने वाले तीनों प्रमुख याचिकाकर्ताओं ने भाजपा के इशारे पर अनुसूचित जाति,अति पिछड़े,पिछड़े एवं अन्य गरीब सवर्णों के हित के खिलाफ यह याचिका दायर किया था, जो कि माननीय उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले से खारिज हुआ। तथा भाजपा के इस संबंध में ओछी मानसिकता उजागर हुई। श्री मंडल ने कहा कि भाजपा लगातार केवल ढोंग करती रही है, जबकि वह जाति गणना ही नहीं, बल्कि जनगणना के भी विरोधी हैं। पिछले डेढ़ सौ बरसों के इतिहास में हिंदुस्तान में पहली बार 10 वर्षीय जनगणना नहीं कराई गई। जैसा की ज्ञात हो कि देश में आखिरी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी, इसके बाद 2021 में जनगणना होना तय था। परंतू मोदी सरकार ने कोरोनावायरस का बहाना बनाकर जनगणना को टालने की साजिश की। जबकि इस कोरोनाकाल के दौरान वर्ष 2020 से लेकर आज तक दुनिया के 80 से अधिक देशों ने अपने अपने देश में जनगणना का कार्य पूर्ण कर लिया है। आश्चर्य की बात यह है कि पाकिस्तान जैसे गरीब और पिछड़ा देश ने भी अपने देश में जनगणना कार्य करा लिया। अमेरिका ने भी वर्ष 2021 में जनगणना का कार्य करवा लिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मंडल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अब तक जनगणना का कार्य पूर्ण नहीं कराने के कारण देश में संवैधानिक संकट उत्पन्न होने वाली है। जैसा कि ज्ञात हो कि वर्ष 2026 में परिसीमन होना तय है। परिसीमन जनगणना के आधार पर होता है। समय पर जनगणना नहीं हो पाने के कारण देश में दूसरी संवैधानिक संकट उत्पन्न होने वाली है। परिसीमन नहीं होने से वर्गों को लोकसभा,राज्यसभा,विधानसभा इत्यादि में उनके जनसंख्या के आधार पर मिलने वाला आरक्षण से वंचित होना पड़ेगा। इन सभी बातों से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा की मानसिकता अनुसूचित जाति,अत्यंत पिछड़ा वर्ग,पिछड़ा वर्ग एवं गरीब विरोधी है। देश के लोगों की वास्तविक स्थिति सार्वजनिक होने से भाजपा डर रही है। परंतू बिहार सहित देश की जनता ने भाजपा के चालबाजियों को भांप लिया है। तथा आगामी 2024 के चुनाव में भाजपा की इन सारी कुत्सित कारगुजारियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जनता कमर कसकर तैयार है।

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