
गौतम ऋषि मेले में जाते समय ट्रेक्टर पलटा, 3 की मौत
सिरोही- 14 अप्रैल। पालड़ी एम इलाके के अंदौर गांव के पास ब्यावर-पिंडवाड़ा हाईवे से दस किलोमीटर दूर गांव के रास्ते में गुरुवार देर रात ट्रैक्टर-ट्रॉली पलने से दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। उसमें सवार चालीस लोग घायल है। इसमें से पच्चीस लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ये श्रद्धालु जालोर के खेतलाजी सियाणा से ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर पोसालिया में आयोजित होने वाले गौतम ऋषि के मेले में जा रहे थे। गंभीर रूप से घायलों को सिरोही हॉस्पिटल के ट्रोमा सेंटर में उपचार दिया जा रहा है।
पालड़ी एम थानाधिकारी प्रभुराम ने बताया कि गुरुवार रात सियाणा खेतलाजी से ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर करीब पचास लोग पोसालिया में भरने वाले गौतम ऋषि मेले में जा रहे थे। श्रद्धालुओं की ट्रैक्टर-ट्रॉली रात में अंदौर गांव के पास अचानक पलट गई। उसमें सवार चालीस से अधिक लोग घायल हो गए। इन सभी घायलों को हाइवे अथॉरिटी की एंबुलेंस और 108 एंबुलेंस के तीन वाहनों ने अलग-अलग करके पालडी एम के सरकारी हॉस्पिटल पहुंचाया गया। वहां से प्राथमिक उपचार के पश्चात पच्चीस से अधिक लोगों को सिरोही अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। सिरोही अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में दो बच्चे और एक महिला की मौत हो गई। हादसे में गांव की ही महिला चौथी मीणा, बच्ची हेतल मीणा और युवक संदीप मीणा की मृत्यु हो गई।
सूचना मिलते ही सिरोही के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र महात्मा सभी डॉक्टर साथियों के साथ ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। सिरोही अस्पताल में दो बच्चे और एक महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि दो लोगों की हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली में बच्चे, बड़े-बूढ़े सहित करीब पचास लोग सवार थे। तीन दिन तक आयोजित होने वाला गौतम ऋषि का मेला गुरुवार से शुरू हुआ है। मुख्य मेले का आयोजन शुक्रवार को होगा। इसमें भाग लेने के लिए लोग गुरुवार रात को ही जा रहे थे। हादसे की सूचना के बाद सिरोही कलेक्टर डॉ. भंवरलाल, तहसीलदार सुनीता चारण, सीएम सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा सरकारी अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और घायलों के बारे में जानकारी ली।
सिरोही जिले की शिवगंज तहसील के पोसालिया क्षेत्र में पड़ने वाले गौतम ऋषि तीर्थ में मीणा समाज का प्रसिद्ध मेला लगता है। तीन दिन चलने वाले इस मेले में मीणा समाज के पाली, सिरोही और जालौर जिले के लोग हिस्सा लेते हैं। ये वर्ष भर उनके परिवार और समाज में देहावसान हुए लोगों के अस्थि विसर्जन के लिए आते हैं। मीणा समाज के लिए यह मेला सबसे पवित्र होता है। उनकी आस्था है कि मेले में विशिष्ट दिन और विशिष्ट समय पर गंगा का अवतरण होता है। इसी गंगा में वह अपने परिवार जनों की अस्थि का विसर्जन करते हैं। इस वर्ष ये मेला गुरुवार को शुरू हो गया है।



