
फिल्म ‘काली’ के निर्माता लीला मणिमेकलाई के खिलाफ दर्ज एफआईआर दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर
नई दिल्ली- 10 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘काली’ के निर्माता लीला मणिमेकलाई के खिलाफ दर्ज विभिन्न एफआईआर को दिल्ली पुलिस के पास ट्रांसफर कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मणिमेकलाई को एफआईआर को निरस्त कराने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की छूट दे दी।
कोर्ट ने जब ये आदेश दिया तो एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि याचिकाकर्ता को निर्देश दिया जाए कि वो जांच में सहयोग करे। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि फिल्म के अलावा कुछ भी नहीं है। वो एक नवयुवती है, आप उससे वीडियो कॉल या किसी दूसरे तरीके से बात कर सकते हैं। गौरतलब है कि 20 जनवरी को कोर्ट ने लीला मणिमेकलाई के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने उन राज्यों को नोटिस जारी किया था, जिन राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई है।
लीला मणिमेकलाई की ओर से पेश वकील कामिनी जायसवाल ने कहा था कि याचिकाकर्ता तमिल की मशहूर कवयित्री और फिल्म निर्माता है। याचिकाकर्ता के काम को सराहा गया है और उन्हें पुरस्कृत भी किया गया है। उन्होंने कहा था कि याचिकाकर्ता को फिल्म के पोस्टर के खिलाफ विभिन्न राज्यों में एफआईआर दर्ज कराई गई है और उनके खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। याचिकाकर्ता के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है।
फिल्म में मां काली के विवादित पोस्टर को लेकर लीला मणिमेकलाई के खिलाफ दिल्ली, मध्य प्रदेश, यूपी और उत्तराखंड में अलग-अलग एफआईआर दर्ज हैं। याचिका में एक ही मामले को लेकर अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग की गई है।
मणिमेकलाई पर आरोप है कि उन्होंने फिल्म ‘काली’ के पोस्टर व वीडियो में जिस तरह मां काली को सिगरेट पीते दिखाया है, वो न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है बल्कि नैतिकता के बुनियादी उसूलों के भी खिलाफ है। मणिमेकलाई के खिलाफ दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है।



