जनसंख्या असंतुलन से भारत में गृहयुद्ध और विभाजन का खतरा : अनिल चौधरी

भागलपुर- 20 जनवरी। जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी ने भागलपुर में शुक्रवार को आयोजित सभा में जिले के अलावा दक्षिण बिहार के 20 जिलों से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आठ-आठ बच्चे पैदा करने वाली प्रवृत्ति पर रोक लगाने की आवश्यकता है।

अनिल चौधरी ने कहा कि अगर इस पर रोक नहीं लगी तो पूर्व में जनसंख्या असंतुलन के कारण विभाजित हो चुके भारत में पुन: विभाजन की स्थिति पैदा हो सकती है।देश में बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी और कुपोषण का मुख्य कारण बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या है। इस समस्या के समाधान के लिए देश के सभी नागरिकों के लिए जाति, धर्म, क्षेत्र व भाषा से ऊपर उठकर समान रूप से जनसंख्या कानून लागू होना अति आवश्यक है।

सभा को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और संपर्क प्रमुख कृष्ण मुरारी ने कहा कि भारत विश्व की लगभग 18 प्रतिशत जनसंख्या का भार वहन कर रहा है। जबकि आबादी के अनुपात में उसका भूभाग बहुत कम यानि लगभग 2.4 प्रतिशत है। यही कारण है कि सरकार के तमाम उपायों के बावजूद भी देश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है।

मुरारी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग पर आम लोगों का समर्थन प्राप्त करने के लिए संगठन द्वारा देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य पांच करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाकर उन्हें प्रधानमंत्री, भारत सरकार को सौंपना है।

मौके पर प्रदेश महासचिव इंदु भूषण झा ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थन में आयोजित हस्ताक्षर अभियान को जिले के प्रत्येक कस्बा, प्रखंड और गांव-गांव तक ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सहरसा जिले से दो लाख हस्ताक्षर कराकर पूरी टीम के साथ दिल्ली ले जाया जाएगा। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रौशन सिंह ने कहा कि पूरे उत्तर बिहार से कम से कम 30 लाख हस्ताक्षर करवाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे प्रदेश की उनकी टीम सभी जिलों में प्रवास करेगी और सभाओं का आयोजन होगा।

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Author: lakshyatak

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