कोलकाता- 06 जनवरी। पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के मध्याह्न भोजन में बच्चों के लिए पुष्टिकर भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। राज्य शिक्षा विभाग की ओर से 24 जिलों के जिलाधिकारियों, कोलकाता नगर निगम के आयुक्त, सिलीगुड़ी निगम आयुक्त सहित अन्य विभागों के प्रमुखों के नाम जारी निर्देश में स्पष्ट कर दिया है कि अब बच्चों को मध्याह्न भोजन में केवल चावल, दाल, सब्जी और अंडा नहीं बल्कि चिकन और मौसमी फल भी दिया जाएगा।
“पीएम पोषण प्रकल्प” योजना के तहत जारी निर्देशिका में बताया गया है कि आगामी 23 जनवरी से 23 अप्रैल चार महीने यानी 16 सप्ताह तक बच्चों को मध्याह्न भोजन में चिकन और मौसमी फल दिया जाएगा। इसके लिए 371 करोड़ 90 लाख 78 हजार 400 रुपये का अतिरिक्त फंड भी आवंटित किया गया है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि इसमें से 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार दे रही है जबकि बाकी 40 फीसदी हिस्सेदारी राज्य सरकार की है।
माध्यमिक शिक्षक एवं शिक्षाकर्मी समिति के अध्यक्ष अनिमेष हालदार ने इस संबंध में विशेष बातचीत में बताया है कि सरकार ने अधिसूचना तो जारी कर दी है लेकिन जमीनी तौर पर इसका क्रियान्वयन कितना होगा, यह देखने वाली बात होगी। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त राशि के साथ जो वित्तीय आवंटन मध्याह्न भोजन के लिए किया गया है उसमें प्रति बच्चे केवल 20 रुपये की राशि आवंटित हुई है। उसमें चिकन और मौसमी फल के साथ अंडा देने की भी बात कही गई है। एक अंडे की कीमत सात रुपये है जबकि चिकन की कीमत घटती-बढ़ती रहती है। ऐसे में इसका क्रियान्वयन होना संभव नहीं दिख रहा।
वैसे, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आसन्न पंचायत चुनाव को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि स्कूलों में बेहतर व्यवस्था के नाम पर जनसंपर्क साधा जा सके। हालांकि भारतीय जनता पार्टी या किसी अन्य पार्टी के विपक्षी नेता ने खुलकर कुछ नहीं कहा है लेकिन अंदरखाने सरकार की इस योजना की खामियों को भी उजागर करने की कोशिश हो रही है।