WEST BANGAL:- अर्पिता के दूसरे फ्लैट से फिर मिला कुबेर का खजाना, 20 करोड़ नगद और 1 करोड़ का सोना बरामद

कोलकाता- 27 जुलाई। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मैराथन कार्यवाही पांचवे दिन भी जारी है। गिरफ्तार राज्य के मंत्री और ममता बनर्जी के बेहद खास पार्थ चटर्जी की महिला सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के उत्तर 24 परगना के बेलघरिया स्थित एक और फ्लैट से ईडी अधिकारियों ने फिर 20 करोड़ नगद तथा एक करोड़ रुपये का सोना बरामद किया है।

खबर लिखे जाने तक अभी भी नोटों की गिनती जारी है, इसीलिए धनराशि बढ़ सकती है। रात 11 बजे खबर लिखे जाने तक छापेमारी में शामिल ईडी के सूत्रों ने “हिन्दुस्थान समाचार” को बताया है कि नोट गिनने वाली मशीन और बैंक अधिकारियों की मदद से नोटों की गिनती फिलहाल जारी है। अब तक की गिनती में 20 करोड़ रुपये होने की पुष्टि हो चुकी है।

ईडी के एक सूत्र ने बताया है कि पूछताछ के दौरान बेलघरिया के रथतला में अर्पिता के दो फ्लैट होने की जानकारी मिली थी। बुधवार दोपहर को करीब 15 ईडी अधिकारी उत्तर 24 परगना के बेलघरिया स्थित अर्पिता के फ्लैट पर पहुंचे। दोनों फ्लैटों का ताला बंद था। चाबी बनाने वाले को बुलाकर ताला खोला गया। इसके बाद कमरे की अलमारी से दो हजार और पांच सौ के नोट बड़ी मात्रा में मिले हैं। इसके बाद रात 8 बजे के करीब नोट गिनने की चार मशीन लेकर बैंक के अधिकारियों को बुलाया गया। टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मौजूद है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले शुक्रवार को कोलकाता के टालीगंज स्थित अर्पिता के एक फ्लैट में, जहां वह रहती थी, छापा गया गया था। इस छापे में ईडी की टीम ने 22 करोड़ की नकदी, 79 लाख के जेवर और 20 मोबाइल फोन तथा विदेशी मुद्रा बरामद हुए थे। इसके बाद अर्पिता और पार्थ चटर्जी दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब ईडी के अधिकारियों ने 28 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया था और दूसरे दिन शनिवार को दोनों की गिरफ्तारी के बाद ईडी की हिरासत में हैं। कुल मिलाकर अब तक अर्पिता के घर से 42 करोड़ रुपये नगद, एक करोड़ 79 लाख का सोना और 20 मोबाइल फोन तथा विदेशी मुद्रा बरामद हो चुके हैं। इनके लगातार पूछताछ हो रही है।

उल्लेखनीय है कि अर्पिता पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेता पार्थ चटर्जी की करीबी हैं और कई मंचों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी नजर आ चुकी हैं।

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Author: lakshyatak

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