
रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए पुतिन से मैक्रॉन व एर्दोगन ने की बात
मास्को- 06 मार्च। रूस और यूक्रेन की जंग के बीच दुनिया के कुछ देश इसे रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने अलग-अलग रूसी राष्ट्रपति वलदिमीर पुतिन से फोन पर बात की है। रिपोर्ट के मुताबिक मैक्रॉन और पुतिन के बीच रविवार को हुई यह बातचीत एक घंटे 45 मिनट चली। इससे पहले पुतिन ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन के साथ बातचीत की। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने वार्ता के दौरान पुतिन से युद्ध खत्म करने की गुजारिश की।
यूक्रेन के ऊपर नो-फ्लाई जोन लगाया जाएः जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने विदेशी देशों से यूक्रेन के ऊपर नो फ्लाई जोन लागू करने के अपने आह्वान करने पर फिर जोर दिया है। जेलेंस्की ने रविवार को एक वीडियो संबोधन में कहा कि दुनिया हमारे आसमान को बंद करने के लिए काफी मजबूत है। नो-फ्लाई जोन करने से सीधे विदेशी सेनाओं को शामिल करके संघर्ष को बढ़ाने का जोखिम होगा। अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने हथियारों के के साथ यूक्रेन का समर्थन किया है। इन देशों ने यूक्रेन में कोई सैनिक नहीं भेजे हैं। पिछले दिनों नाटो देशों ने यूक्रेन में नो-फ्लाई जोन को नियंत्रित करने से इंकार कर दिया है। जो सभी अनधिकृत विमानों को यूक्रेन के ऊपर उड़ान भरने से रोक देगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि मास्को यूक्रेन पर किसी भी तीसरे पक्ष द्वारा नो फ्लाई जोन की घोषणा को सशस्त्र संघर्ष में भागीदारी के रूप में मानेगा।
जानसन ने पुतिन को हराने के लिए छह सूत्री एजेंडे का किया जिक्र
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने रूस को हराने के लिए छह सूत्रीय योजना तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक जानसन ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को हारना ही होगा। हमारी ओर से नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति समर्थन जताना ही पर्याप्त नहीं है, हम सभी को सेना के दम पर नियमों को बदलने की कोशिशों के खिलाफ भी कदम उठाना होगा।
बोरिस जानसन ने अपने छह सूत्रीय एजेंडे का जिक्र करते हुए लेख में कहा है कि दुनिया के नेताओं को एकजुट होकर यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय गठबंधन बनाना चाहिए। यही नहीं आत्मरक्षा की कोशिशों के तहत यूक्रेन का समर्थन करना चाहिए। मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाए जाने के साथ ही यूक्रेन में रूसी आक्रामकता का विरोध भी करना चाहिए।



