
राम के आदर्श को प्रत्येक व्यक्ति अपनाएं: सुदर्शन जी महाराज
पटना- 06 मार्च। सुदर्शन विहार कॉलोनी जगनपुरा में आयोजित एक समारोह में प्रसिद्ध राम कथा वाचक आचार्य श्री सुदर्शन जी महाराज ने कहा कि आज के युग में श्री राम का चरित्र अत्यंत ही प्रासंगिक हो गया। आज एक तरफ पूरा विश्व संक्रमण से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर विनाशकारी तत्व संपूर्ण विश्व को नष्ट करने पर लगे हुए हैं । प्रभु श्री राम ने समाज से कुरीतियों को मिटाया और सामान्य जनमानस के पिछड़े एवं वनवासी लोगों में आत्म बल पैदा किया । उन्होंने एक ओर देश पर आक्रमण करने वाले रावण जैसे दानव को नष्ट किया तो दूसरी ओर हमारे समाज के पिछड़े, गरीब, बनवासी एवं उपेक्षित लोगों में आत्मबल भरा। इसलिए राम को केवल मंदिरों में ही नहीं बल्कि उनके आदर्श को प्रत्येक व्यक्ति को अपनाने की आवश्यकता है।
आचार्य श्री ने कहा कि निश्चित रूप से श्री राम ने समाज में मर्यादा,आदर्श एवं नैतिकता फैलाकर जनतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की। भारत में राम पहले व्यक्ति थे। जिन्होंने पिछड़ी जाति के निषादराज गुह एवं केवट को आगे बढ़ाया। साथ में लाखों वनवासी समाज में बिखरे लोगों को एकत्र कर आत्मनिर्भर बनाया। साथ ही ताड़का एवं सुपरणखा जैसी महिलाओं का अंत किया तथा शबरी को सम्मानित कर समाज में एक आदर्श स्थापित किया। शबरी भले ही जात की भीलनी थी, उपेक्षित थी ,लेकिन श्रीराम ने उस के जूठे बेर खा कर यह साबित कर दिया कि एक राजपुत्र भीलनी के घर जाकर कैसे उसके घर भोजन करते हैं ।आज हमारे समाज में वैसे ही नेतृत्व की आवश्यकता है जो गरीब एवं उपेक्षित तबके के लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़े । प्रभु श्री राम ने इसी समाज में रहकर मर्यादा पुरुषोत्तम का चरित्र जीया और समतामूलक समाज की स्थापना की। आज इसलिए राम की अधिक आवश्यकता हो गई है। राम को मंदिरों में पूजने के बजाय अपने अपने घरों में स्थापित करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर पटना सेंट्रल स्कूल की ओर से एक भंडारा का आयोजन किया गया जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया ।



