मधुबनी/बिहार- 09 फरवरी। जयनगर अनुमंडल मुख्यालय स्थित वर्षों से बंद पड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चालू तो कर दिया गया। परंतू अब भी संसाधनों का घोर अभाव देखा जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग प्रयाप्त व्यवस्था मुहैया कराने की बात कह रही है। लेकिन देखना है कि सुविधाओं का घोर अभाव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कब तक सुविधा मुहैया कराई जाएगी।वर्षों से पीएचसी में ओपीडी व्यवस्था बंद रहने के कारण अस्पताल भवन जर्जर हो गया है। सूत्रों की मानें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दर्जनों चिकित्सकों व कर्मी तैनात हैं। जिस पर सरकार का करीब पचास लाख से अधिक राशि खर्च होते हैं। पीएचसी संचालित नहीं होने के कारण अतिक्रमण के साथ स्थानीय दुकानदारों के द्वारा अस्पताल परिसर को प्रदुषित किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल संचालित नहीं होने के कारण अस्पताल परिसर असमाजिक तत्वों के अलावे वेश्यावृत्ति का अड्डा बन गया है।
बतादें कि मधुबनी जिले के झंझारपुर, फुलपरास एवं बेनीपट्टी अनुमंडल में अनुमंडल अस्पताल संचालित के बावजूद भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चालू अवस्था में रखा गया। लेकिन जयनगर में अनुमंडल अस्पताल संचालित होने के साथ ही पीएचसी को बंद कर दिया गया। जिससे स्वास्थ्य से संबंधित अन्य कार्य पीएचसी से संचालित किया गया। लेकिन ओपीडी को बंद कर सभी स्वास्थ्य कर्मीयों को अनुमंडल अस्पताल प्रतिनियुक्त कर दिया गया। पीएचसी में ओपीडी बंद रहने के कारण अस्पताल भवन रखरखाव के आभाव में जर्जर हो गया है। सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग रोगी कल्याण मद से पीएचसी भवन का रखरखाव कार्य करा कर पुराने व्यवस्था को लागू करें।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य प्रबंधक—
अनुमंडल अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक अर्चना भट्ट ने बताया कि पीएचसी में ओपीडी सुविधा मुहैया कराई गई है। तीन चिकित्सक एक एएनएम की प्रतिनियुक्ति करते हुए दवा मुहैया कराई गई है। उन्होंने बताया कि अनुमंडल अस्पताल में प्रसव की व्यवस्था हैं। इसी लिए जच्चा और बच्चा को यहीं टीका यही लगाया जाता है। पीएचसी में जल्द ही टीकाकरण की शुरुआत कर मुख्य द्वार से अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन से बात की जाएगी।
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